Types Of Services Provided By Dr. Yogesh Vyas in Jaipur, Rajsthan
1. Astrology for business
2. Love marriage problem solution astrology
3. Astrology Services for marriage
4. Financial Services Astrology
5. Problems in marriage astrology
6. Husband-wife problem solution by astrology
7. Career prediction astrology
8. Astrology for job
9. Astrology for health
10. Astrology for education
11. Financial problem Astrology Solution
12. Vastu Services
13. Jyotish Services
14. Vastu Yantras
15. Jyotish Yantras
Vedic Astrologer
● जो ग्रह अपनी उच्च, अपनी या अपने मित्र ग्रह की राशि में हो - शुभ फलदायक होगा।
● इसके विपरीत नीच राशि में या अपने शत्रु की राशि में ग्रह अशुभफल दायक होगा।
● जो ग्रह अपनी राशि पर दृष्टि डालता है, वह शुभ फल देता है।
● त्रिकोण के स्वामी सदा शुभ फल देते हैं।
● क्रूर भावों (3, 6, 11) के स्वामी सदा अशुभ फल देते हैं।
● दुष्ट स्थानों (6, 8, 12) में ग्रह अशुभ फल देते हैं।
● शुभ ग्रह केन्द्र (1, 4, 7, 10) में शुभफल देते हैं, पाप ग्रह केन्द्र में अशुभ फल देते हैं।
● बुध, राहु और केतु जिस ग्रह के साथ होते हैं, वैसा ही फल देते हैं।
● सूर्य के निकट ग्रह अस्त हो जाते हैं और अशुभ फल देते हैं।
आपके ग्रह अगर नीच या शत्रु ग्रहो के साथ बैठे हो तो निम्न उपाय करने से फायदा मिलता है :-
1. सूर्य का अच्छा प्रभाव - समाज मे मान-सम्मान, नौकरी व काम-काज की जगह स्थिरता, पिता को कोई तकलीफ नहीं होती ! धैर्यवान, काम-काज मे अच्छा, सरकार मे अच्छा दखल होता है। सरकारी अफ़्फ्सरो का सहयोग मिलता है।
अगर सूर्य अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - पिता की सेवा करे, उन्हे सम्मान दें। उनके पांव-हाथ लगाकर आशीर्वाद ले, सूर्य को जल दे, विष्णु पूजा करे सरकार के खिलाफ कोई कार्य न करें, मीठा खा कर काम पर जाए ! गेंहु, बाजरा या जल प्रवाह करें ।
2. चन्द्रमा का अच्छा प्रभाव - मां का जीवन सुखों से परिपूर्ण व ऐश्वर्यशाली रहेगा ! उनके जीवन मे कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी । मां, दादी, नानी व मोशियो को भी भरपूर सुख, अच्छे चन्द्रमा वाला व्यक्ति इन सबका लाडला होता है व इनके द्वारा ऐसे व्यक्ति को धन-सम्पत्ति प्राप्त होती है। घर व मन मे पूरी शांति ,रूपया पैसा और प्रोपटी भी खुब रहती है । सभी एक-दूसरे को प्यार और सम्मान से देखते हैं।
अगर चन्द्रमा अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - मां, दादी का कहना माने, सेवा करे, उनके पांव-हांथ लगाए, बुजुर्ग और विधवा औरतो की मदद करे, उनके भी पांव हाथ लगाये ! घर आए को हो सके तो पानी की जगह दूध पिलाए, नर्म व्यवहार रखे, सात्विक जीवन जिए ! चांदी का चौकोर टुकड़ा गले मे डाले ज्यादा से ज्यादा चांदी धारण करे, गंगा जल भरपूर मात्रा मे घर मे रखे, मन्दिर मे दूध और चावल देते रहे चावल को घर में स्टोक करें !
3. मंगल का अच्छा प्रभाव - भाई और दोस्तो का भरपूर प्यार व आदर मिलता है। भाई व मित्र मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे व्यक्ति की कार्य क्षमता बहुत अच्छी होती है। हर काम को आसानी से धैर्य के साथ पूरा करता है । घर मे मंगल कार्य होते रहते हैं। शादी व्याह सही उम्र मे होते हैं। कम उम्र मे तरक्की होनी शुरू हो जाती है 28 साल से करोबार या नौकरी मे उचाई आनी शुरू हो जाती है और 33 साल की उम्र तक अच्छी उचाई मिल जाती है।
अगर मंगल अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - भाई और मित्रो से प्रेम करे, उन्हे सम्मान दे, उनके साथ मीठा भोजन ग्रहण करे, उन्हे पार्टी दे, उनकी ग़लतीओ को क्षमा करते रहे, हनुमान उपासना करे, मंगलवार को मीठा प्रसाद बांटे, शहद, सौंफ, छुहारे घर पर न रखे 43 दिन गुड़ की मीठी तन्दूर की 8 रोटी रोज कुत्ते और कोआ को डाले ! बड के पेड़ पर कच्ची लस्सी (दूध, पानी, चीनी) चढ़ाकर गीली मिट्टी का टीका लगाए, दक्षिण मुखी मकान मे न रह !
4. बुध का अच्छा प्रभाव - हमारे शरीर के नसो और बुद्धि, विवेक का मालिक बुध है इनके अच्छे फल – बुआ,बहन,बेटी का जीवन सुखमय व आपस मे भरपूर प्रेम बना रहता है। व्यापार की अच्छी बुद्धि होती है। कम मेहनत मे ज्यादा कमाई करवाते हैं ! ऐसे व्यक्ति को नसो मे किसी प्रकार का रोग नहीं होता, तर्क शक्ति अच्छी रहती है पढ़ाई लिखाई भी अच्छी रहती है।
अगर बुध अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - बुध के सामान तुलसी, रबड़ का पेड़, मनी प्लाट, केले का पेड़ इसके अलावा चौड़े पत्ते के पेड़ घर से दूर करे हरे कपड़े व अन्य सामान से दूरी रखे शंख, कौड़ी, सीप, गाने-बजाने के सामान (ढ़ोलक, सितार, गिटार) आदि घर पर न रखे भगवान की मुर्तियां न रखें तस्वीरों की पुजा करें । कोई भी पक्षी न पाले, खास तौर से कबूतर, तोता। बकरी भी न पाले !, बकरी का दान करे ! बकरी का मांस, अण्डा से भी परहेज करे, मुंग की दाल से भी बचाव करे, साबुत मुंग घर पर न लाए, बल्कि फिटकरी के पानी मे साबुत मुंग भिगोकर रात को सिरहाने रख कर सोये और सुबह पक्षियो को डाले ! दुर्गा पूजा करे, बहन-बेटी को सम्मान करे, वे जब भी घर आए उन्हे कुछ न कुछ देकर विदा करें। छोटी-छोटी कनयाओ का पूजन करे !
5. वृहस्पति का अच्छा प्रभाव - वृहस्पति उच्च हों तो सुख-वैभव, ऐश्वर्य, सम्पन्नता देते हैं। बच्चो को दादा का भरपूर साथ व प्यार मिलता है। रूपये-पैसे की कोई कमी नहीं रहती।परिवार के लोग समझदार व बडो का सम्मान करने वाले होते हैं। एसे परिवार में रीति-रिवाज पूरी लगन से निभाऐ जाते हैं।घर का माहौल ऐश्वर्यपूर्ण के साथ आध्यात्मिक, पूजा-पाठ वाला भी होता है!
बच्चो की पढाई लिखाई बिगर रूकावट के पुरी हो जाती है।
अगर वृहस्पति अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - चने की दाल मंदिर मे रखें, कुल पुरोहित को न बदले ! बदल चुके हैं तो क्षमा प्रार्थना करले! साधू संन्यासीओ का सम्मान करे, दान-पुन्य करते रहे, केसर का टीका लगवाए, पीपल की सेवा करे, जल चड़ाए, बुजुर्गों के पांव-हांथ लगाकर आशीर्वाद लें। गले मे सोना पहनें पूर्वाजो के श्राद्ध कर्म आदि पूरी निष्ठा से करे !
6. शुक्र का अच्छा प्रभाव - अगर शुक्र अच्छे होंगे तो बुद्धि (बुध) भी अच्छी होगी। अच्छा व सुन्दर जीवन साथी, शरीर मे भरपूर जोश, विस्तर का भरपूर आनन्द, चाव, घूमने-फिरने का शौकीन, हर प्रकार का लक्जरी सामान, घर मे पति-पत्नि का मधुर सम्बन्ध, साफ-सुथरा घर और हर प्रकार का शौक मौज का सामान घर मे होता है!
अगर शुक्र अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - सुबह सही समय पर विस्तर छोड़े, नहा धो कर साफ कपड़े, प्रेस किए पहनें, डिओ, परफ्यूम का इस्तेमाल करे, पत्नि का आदर मान करे, उसे खुश रखे, उसे उपहार दे,लक्ष्मी पूजन करे, काले और नीले रंग के कपड़े और अन्य सामान से दूरी रखे,उच्च चरित्र का पालन करे,गाय की सेवा करे,हरी-चरी और ज्वार गाय को खिलाए!
7. शनि का अच्छा प्रभाव - अगर शनि अच्छे हों तो स्वस्थ्य शरीर, शनि के अच्छे होने से शुक्र अच्छे यानी जीवन साथी का अच्छा सुख, शौक-मौज के पूरे सुख। अपने लिए दूसरे काम करते हैं। मतलब नौकर-चाकर और नौकर-चाकर भी ईमानदार मिलते हैं। मालिक के प्रति पूर्ण समर्पित होकर सेवा करते हैं, मकान भी एक से ज्यादा बनते हैं, जीवन साथी पूरी सर्पोट करता है। साथ ही पूरे परिवार मे किसी को कोई बड़ी मुसीबत नहीं होती, कम मेहनत मे ही पूरा लाभ मिलता है।
अगर शनि अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - चाचा की सेवा करे, उन्हे मान-सम्मान दे, उनके पांव पर हाथ लगाकर आशीर्वाद ले ! साल में 4- 5 बार शनि के सामान (चमड़े की जूती, लोहे का तवा चिमटा आदि) सादु महात्मा को दान करे ! मज़दूरो से बुरा व्यवहार न करे, उनकी मदद करे ! ईमानदारी का जीवन जिए ! आचरण को ठीक रखे,कोआ को खाना डाले, तेल का छाया पात्र दान करे, पत्थर वाला कोयला- मन्दिर या गुरूद्वारे के भण्डारे मे दान करें ।
8. राहु का अच्छा प्रभाव - राहु अच्छे तो हर कार्य आसानी से पूरे हो जाते हैं, जीवन मे कोई बड़ी अड़चन नहीं आती, हाजिर जवाब, अच्छा सलाहकार,सभी मुसीबत का हल आसानी से निकालने वाला, सभी प्रकार के पूरे सुख, अच्छा औहदा, सरकार मे भी अच्छी दखल, पूरा मान-सम्मान अच्छी प्रतिष्ठा। सूर्य से ज्यादा गुण अच्छा राहु देता है ।
अगर राहु अच्छा फल नहीं दे पा रहे हैं तो - किसी भी प्रकार का कबाड़ (बन्द घड़ियां, खोटे सिक्के, बिजली का खराब सामान आदि) घर पर न रखे ! छत को साफ रखे, सीडीओ पर कोई सामान न रखे ! उन्हे रोज साफ करे, ससुराल से बना कर रखे, उनका आदर-मान करे, काले नीले कपड़े व अन्य सामान, नील, तेजाब, बारिश की भीगी लकड़ी, जंग लगा लोहा आदि सामान से दूर रहे ! छत को हमेशा साफ रखे ! बजन के बराबर कच्चा कोयला जल प्रवाह करें। जौ दूध मे धो कर जल प्रवाह करे सूर्य की पूजा करे, गेहूं का स्टॉक घर पर करे !
9. केतु का अच्छा प्रभाव - केतु किसी की कुंडली मे शुभ हो तो कीर्ति चारो तरफ होगी। बेटे व बहनोई का भरपूर सुख मिलेगा, बेटे आज्ञाकारी होते हैं, सेवा भी करते हैं, घर पर धर्मपत्नी भी अच्छी प्रकार से रहती है। जीवन भर उचाई मिलती रहती है ! एसा व्यक्ति अगर राजनैतिक चुनाव लड़े तो निर्वाचित होता है। एम.एल.ए., एम.पी. केतु देवकी मेहरबानी के बिना नहीं हो सकता।
ग्रह की शांति के सरल उपाय-
किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ उपाय हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है।
मंत्र जप स्वयं करें या किसी कर्मनिष्ठ ब्राह्मण से कराएं। दान द्रव्य सूची में दिए पदार्थों को दान करने के अतिरिक्त उसमें लिखे रत्न-उपरत्न के अभाव में जड़ी को विधिवत् स्वयं धारण करें, शांति होगी।
● सूर्य ग्रह की शांति- समय सूर्योदय
प्रत्येक रविवार को सूर्य पूजन और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करने से अवश्य लाभ मिलता है। भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। आदित्य स्तोत्र या गायत्री मंत्र का प्रतिदिन पाठ करें। सूर्य के मूल मंत्र का जप करें। रविवार के दिन नीचे दिए गए मंत्रों में से जो भी मंत्र आसानी से याद हो सकें उसके द्वारा सूर्य देव का पूजन-अर्चन करें। फिर अपनी मनोकामना मन ही मन बोलें। भगवान सूर्य नारायण आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे।
1. ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।
5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
सूर्य नमस्कार सदैव खुली हवादार जगह पर कंबल का आसन बिछा कर खाली पेट अभ्यास करना चाहिए। सूर्य नमस्कार करने से मन शांत और प्रसन्न होता है...
सूर्य नमस्कार के12 मंत्र
1.ॐ सूर्याय नम: ।
2. ॐ भास्कराय नम:।
3. ऊं रवये नम: ।
4. ऊं मित्राय नम: ।
5. ॐ भानवे नम: |
6. ॐ खगय नम: ।
7. ॐ पुष्णे नम: ।
8. ॐ मारिचाये नम: ।
9. ॐ आदित्याय नम: ।
10. ॐ सावित्रे नम: ।
11. ॐ आर्काय नम: ।
12. ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।
सूर्य के उपाय :
* भगवान विष्णु की उपासना।
* सूर्य को अर्घ्य देना।
* रविवार का व्रत रखना।
* मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलें।
* पिता और पिता के संबंधियों का सम्मान करें।
● चन्द्र ग्रह की शांति- समय संध्याकाल