ग्रह नक्षत्र और धन योग-
आज के समय में धन की आवश्यकता सभी लोगों को है और धन के बिना व्यवस्थित जीवन जीना
काफी मुश्किल रहता है। हर व्यक्ति धन की चाहत रखता है और वह धनवान होना चाहता है। इस धन
प्राप्ति के लिए व्यक्ति दिन रात लगातार मेहनत भी करता है लेकिन, सभी लोगों को अपनी की हुई
मेहनत का एक समान फल प्राप्त नहीं होता और ना ही एक समान धन संपत्ति की प्राप्ति होती है।
धन-संपत्ति के लिए जातक की कुंडली में विशेष प्रकार के धन लाभ के योगों का होना बेहद आवश्यक
होता है। वैदिक ज्योतिष में कुंडली में विद्यमान प्रमुख धन योगों के बारे में विस्तार से चर्चा देखने को
मिलती है। इस लेख में हम उन्हीं कुछ प्रमुख योगों के विषय में बात करेंगे।
● जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं। उनमें से द्वितीय भाव को धन भाव और एकादश भाव को लाभ
स्थान के नाम से जाना जाता है। जब भी जातक की कुंडली में धन भाव और लाभ भाव मजबूत अवस्था
में होंगे तो व्यक्ति को संपत्ति की प्राप्ति होगी।
● कुंडली में बली धनेश और लाभेश की केंद्र अथवा त्रिकोण भाव में युति भी जातक को प्रचुर धन संपत्ति
प्रदान करती है।
● जब जातक की कुंडली में धनेश कोई शुभ ग्रह हो के उच्च राशि में बैठकर अपने धन भाव को पूर्ण दृष्टि
से देखता है तो ऐसा उच्च राशि वाला शुभ ग्रह जातक को प्रचुर धन संपत्ति और ख्याति प्रदान करता है,
जैसे कि अमिताभ बच्चन की कुंडली में धनेश गुरु उच्च का होकर अपने धन भाव को पूर्ण दृष्टि से देख
रहा है और यही गुरु चंद्रमा के माध्यम से अमला नामक राजयोग का भी निर्माण कर रहा है। इस अमला
नामक योग ने अमिताभ बच्चन को बेहद दौलत के साथ ही शोहरत भी प्रदान की है।
● कुंडली में बली धनेश और लाभेश का स्थान परिवर्तन यानि कि धन भाव का स्वामी लाभ स्थान में हो
और लाभ स्थान का स्वामी धन भाव में जाकर बैठा हो तब भी जातक को जीवन में काफी धन संपत्ति की
प्राप्ति होती है।
इसी प्रकार से जातक की कुंडली में द्वितीय भाव से पैतृक संपत्ति का एवं चतुर्थ भाव से जमीन जायदाद
आदि अचल संपत्ति एवं वाहन सुख को भी देखा जाता है। ऐसे ही सप्तम भाव से जातक के स्वयं के
व्यापार का विचार किया जाता है। जब इन भावों के स्वामी बली अवस्था में केंद्र अथवा त्रिकोण में बैठते
हैं तब भी जातक को भौतिक सुखों के साथ ही धन संपत्ति की भी प्राप्ति होती है।
● कुंडली में गुरु ग्रह, शुक्र, बुध एवं शनि ग्रह को व्यापार में विशेष सहायक एवं धन संपत्ति प्रदान करने
वाला ग्रह माना जाता है। जब जातक की कुंडली में इन ग्रहों की मजबूत स्थिति होती है तो ऐसी स्थिति
में भी व्यक्ति को जीवन में काफी धन लाभ होता है।
● जब लाभ स्थान में राहु, शनि या मंगल ग्रह बैठते हैं तो वह जातक अपने जीवन में कई मार्गों से धन
लाभ कमाता है और कई बार उसे लॉटरी एवं शेयर मार्केट के माध्यम से भी धन की प्राप्ति होती है।
● जातक को धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए अपनी कुंडली के अनुसार ग्रहों का जाप करना चाहिए, कारक
ग्रहों के रत्नों को धारण करना चाहिए और इसके साथ ही पूजा घर में हस्त निर्मित संपूर्ण वैदिक श्री यंत्र,
लक्ष्मी बीसा यंत्र एवं संपूर्ण वास्तु आदि यंत्रों का प्रयोग करना भी बेहद शुभ और लाभदायक माना जाता
है।
Website- www.astrologeryogesh.com
डॉ योगेश व्यास, ज्योतिषाचार्य (टॉपर),
नेट (साहित्य एवं ज्योतिष), पीएच.डी (ज्योतिषशास्त्र)
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