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Dr. Yogesh Vyas

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Types Of Services Provided By Dr. Yogesh Vyas in Jaipur, Rajsthan

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राशि और रत्न

  ज्योतिष का मानना है कि व्यक्ति अगर अपनी राशि के अनुरूप उपयुक्त रत्न धारण करता है तो उसे जल्दी और आसानी से सफलता मिलती है! रत्न दोधारी तलवार की तरह होते हैं जिन्हें उचित जांच परख के बाद ही पहनना चाहिए अन्यथा सकारात्मक की जगह नकारात्मक परिणाम भी देते हैं.रत्न धारण करने से पहले ग्रहो की स्थिति, भाव एवं दशा का ज्ञान जरूरी होता है.किसी रत्न के साथ दूसरे रत्न का क्या परिणाम होता है यह भी जानना आवश्यक होता है. . किस राशि के साथ कौन सा रत्न उपयुक्त है उसके विषय में ज्योतिषशास्त्र का कथन—

मेष राशि—
मेष राशि सूर्य के क्रांतिपथ मे नेतृत्व का गुण प्रदान करता है. सजग और सक्रिय बनाये रखता है. इस लग्न की एक विशेषता यह भी है कि इससे प्रभावित व्यक्ति चुनौतियों के लिए सदैव तैयार रहते हैं!. जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए ये हमेशा तत्पर रहते हैं!. इस राशि का नाकारात्मक पक्ष यह है कि इसमें क्रोध अधिक होता है. इससे प्रभावित व्यक्ति जल्दी किसी बात को लेकर उत्तेजित हो जाता है. इनमें हठ भी अधिक होता है. इस राशि वालो को मूंगा (Red coral), गारनेट या रेड एजेट लाभदायक होता है.!.

वृष राशि--
वृष- क्रांति पथ में मेष और मिथुन के बीच होता है. इस राशि का साकारात्मक पक्ष है कि इससे प्रभावित व्यक्ति धन और भाग्य प्राप्त करता है. इनमें धैर्य होता है लेकिन शत्रु बली ही क्यों न हो अगर ठान ले तो उसे परास्त करके ही रहते हैं. इस राशि में परिश्रम का गुण भी होता है. ये अपने काम में सतत् लगे रहते हैं. अगर व्यक्ति पुरूष है तो महिलाओं के बीच लोकप्रिय होता है. इस राशि का नाकारात्मक पक्ष है अत्यधिक भावुक होना. इन्हें कोई भी आसानी से अपनी ओर मिला लेता है. इस लग्न व्यक्तियों को हीरा , अम्बर , ओपल , फिरोजा करने से लोगों को लाभ मिलता है!

मिथुन राशि—-
मिथुन का स्थान वृष और कर्क के बीच है! इस राशि का सकारात्मक पक्ष-संगीत एवं नृत्य से गहरा लगाव. खेल एवं कला के क्षेत्र में आगे रहना. सुन्दर और आकर्षक दिखना. कलहपूर्ण स्थिति में मध्यस्थ बनकर स्थिति को शांतिपूर्ण बनाना है, इसका नाकारात्मक पक्ष है कि. इनके व्यवहार में बालपन झलकता है,कामयाबी देर से मिलती है!. इस लग्न के व्यक्ति को पन्ना (Emerald), जेड , पेरीडोट पहनना लाभदायक होता है!

कर्क राशि--
कर्क राशि सूर्य के क्रांतिपथ में मिथुन और सिंह राशि के बीच होता है! इस राशि का गुण है किसी विषय को गहराई से समझना होता है!. जो व्यक्ति इस राशि से प्रभावित होता है उनमें दूसरो को समझने की अद्भुत क्षमता होती है. व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है. लिखने एवं बोलने की कला में व्यक्ति कुशल होता है. इस राशि का दूसरा पक्ष है अपने मन की करना. छोटी छोटी बातों पर रूठ जाना, अति संवेदनशील होना. कर्क लग्न का व्यक्ति सैर सपाटे का भी शौकीन होता है. मोती (Pearl), एजेट एवं मूनस्टोन धारण करने से कर्क राशि के लोगों को लाभ मिलता है!

सिंह राशि--
सिह सूर्य की क्रांतिपथ में कर्क और कन्या राशि के बीच होता है! साहसी और नेतृत्व कुशल होना इस राशि का गुण है! यह राशि जितनी उदार है उतनी ही संघर्षशील भी है! इस राशि को नियमपालन और व्यवस्थित रहना पंसद है! क्रोधी होना इस राशि का नाकारात्मक पक्ष है! किसी भी चीज़ के लिए परवाह नहीं करना एवं आलसपन. इन्हें पित्त सम्बन्धी रोग होने की संभावना प्रबल रहती है! रेड ओपल , रूबी अथवा गारनेट रत्न धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

कन्या राशि--
कन्या राशि सूर्य के क्रांतिपथ में सिंह और तुला के बीच में स्थित होता है! इस राशि की विशेषता है कि किसी भी कठिनाई एवं मुश्किलों से निकलने के लिए तेजी से प्रयास करते हैं और इनमें सफल भी होते हैं! कला एवं शिल्पशास्त्र के प्रति इनमें लगाव रहता है. प्रेम के विषय मे ये अधिक उत्साहित होते हैं! ये अपने पत्नी एवं बच्चों के प्रति अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक रहते हैं! ये अत्यंतु भावुक होते हैं. विपरीत लिंग वाले व्यक्ति इन्हें विशेष आकर्षित करते हैं. अनजाने में ही किसी साजिश में फंस जाते हैं. इस नक्षत्र के कुछ नाकारात्क पहलू भी हैं! इस राशि के व्यक्ति को पन्ना(Emerald), पेरीडोट, ओनेक्स अथवा फिरोजा धारण धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

तुला--
तुला- कन्या और वृश्चिक के बीच रहने वाली सातवीं राशि है! आमतौर पर यह राशि आयुष्मान होती है! इस राशि का साकारात्मक पहलू है अत्यधिक पैसा कमाने के लिए उत्सुक रहना. व्यापार में कुशलता का प्रदर्शन. अन्तर्राष्ट्री व्यापार में भी इन्हें सफलता मिलती है. मस्तिष्क संतुलत होता है! ये जासूसी में भी काफी आगे होते हैं. कला के क्षेत्र में से भी इनका विशेष लगाव होता है. नृत्य एवं रंगमंच में कामयाब होते है! दिखने में सामान्य होते हैं. इस राशि का नाकारात्मक पहलू है अपने वर्चस्व साबित करने के लिए उत्सुक रहना. अपने फायदे के लिए झूठ बोलना! ओपल, ब्लू डायमंड , स्फटिक , ब्लू टोपाज धारण धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

वृश्चिक राशि--
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है! यह राशि कठोर मानी जाती है! यह राशि वीर, साहसी एवं योद्धा के रूप में जाना जाती है! इस राशि का विशेष गुण है जो भी लक्ष्य हो उसे किसी भी हाल में प्राप्त करना. इनमें सीखने की इच्छा बलवती होती है इसलिए विषयों को जानने समझने के लिए धैर्य और शांतिपूर्वक ध्यान केन्द्रित रखते हैं! चालाकी और होशियारी. अपना काम निकलते ही पल्ला झाड़ना भी इन्हें खूब आता है. विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति इनका व्यवहार रूखा होता है. इन्हें टाईगर आई , इंद्रगोप अथवा मूंगा धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

धनुराशि--
धनु - वृश्चिक और मकर राशि के बीच स्थित राशि है. इस राशि को युद्ध का देवता माना गया है! यह राशि दिखने में मजबूत और शक्तिशाली है. पैर मांसल होते हैं. किसी कार्य में आगे बढ़कर कार्य को अंजाम देते हैं! धन संचय की कला में काफी होशियार होते हैं. इनकी बातें प्रभावशाली और मोहित करने वाली होती है. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सजग और तत्पर रहते हैं! किसी कार्य को पूरा करने के लिए जरूरत से जल्दी जल्दबाजी दिखाना जिसके कारण बनता हुआ काम भी अधूरा रह जाता है. इस राशि का कमजोर पक्ष है!. आमतौर पर कार्य को तेजी से करते हैं लेकिन कार्य पूरा किए बिना दूसरों के ऊपर कार्य सौप कर उस काम से हट जाते हैं. इन्हें पाचन सम्बन्धी परेशानियों का भी सामना करना होता है. इस राशि का रत्न है टोपाज, पुखराज और पीरोजा धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

मकर राशि--
मकर राशि का स्थान सूर्य के क्रांतिपथ में धनु और कुम्भ राशि के बीच है! मकर राशि शिक्षा और पठन- पाठन में रूचि के रूप में जाना जाती है! इसे संगीत और नृत्य भी काफी पसंद होता है. दूसरों की मदद एवं सहायता के लिए तैयार रहना भी इसका गुण है! इससे प्रभावित व्यक्ति जहां भी होता हैं शाति और सौहार्द बनाये रखने में योगदान देता है. इनके हिस्से में परिश्रम और चिंता अधिक होती है. परिवार से इन्हें विशेष सहयोग नहीं मिल पाता है. भाग्य देर से जागता है इसलिए मेहनत का फल भी देर से मिलता है. इस मकर राशि का नाकारात्मक पहलू है! इस राशि से प्रभावित व्यक्तियों को रोज गारनेट , लेपिस अथवा नीली धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

कुम्भ राशि--
राशिचक्र की ग्यारहवीं राशि- इसे समुद्र का देवता कहा गया है! इस राशि का सकारात्मक पहलू है गहरी अन्तर्दृष्टि, सिद्धांतों और नियम का पालन करना. इसके अंदर ज्ञान का भंडार होता है, जो समय और जरूरत के समय दिखाई देता है! इन्हें मनोरंजन पंसद होता है. सीखने के प्रति उत्सुक और लगनशील होना! शारीरिक रूप से कमज़ोर दिखना, मन में पराजय की भावना. दूसरों से मिलना जुलना भी इन्हें विशेष पसंद नहीं होता है इस राशि का नाकारात्मक पहलू है! इस राशि का रत्न नीलम , लेपिस और नीली धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

मीन राशि--
क्रांतिपथ में मीन राशि-चक्र की बारहवीं राशि है! बुद्धिमानी और जीवन के प्रति उत्साहित होना. प्यार और दोस्ती के प्रति उर्जावान दिखना मीन राशि की विशेषता है, हमेशा नया करने की चाहत भी इसमें होती है! यह मीन राशि धर्म और अध्यात्म के प्रति श्रद्धावान बनाती है. शारीरिक तौर पर मोटा दिखना, आलसपन और लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए अत्यधिक उत्साहित रहना इसका कमज़ोर पहलू है! इनका रत्न पुखराज एवं टाटरी. धारण करने से लोगों को लाभ मिलता है!

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