मास्टर बैडरूम व अन्य शयनकक्षों का वास्तु
नमस्कार मित्रों मैं डॉक्टर योगेश व्यास, आज हम वास्तु के एक इंपॉर्टेंट टॉपिक बेडरूम के बारे में बात करते हैं !
घर बहुत सुंदर बना है लेकिन शयनकक्ष वास्तु के अनुसार नहीं है तो, आप किसी न किसी तरह की परेशानी से ग्रसित रह सकते है। संतान नहीं होना, संतान का समय पर विवाह नहीं होना, आर्थिक परेशानी, बीमारी, तनाव जैसी समस्याओं का आपको सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में बेडरूम के बारे में विस्तार से चर्चा देखने को मिलती है। वास्तु के अनुसार बने हुए बेडरूम-- गृह स्वामी को ऐश्वर्य, पारिवारिक सुख, उन्नति और वैभव आदि प्रदान करते हैं। तो आइए मित्रो आज हम घर के सभी शयन कक्षों यानी बेडरूम के सामान्य वस्तु पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
ऑफिस के लिए कुछ आसान वास्तु टिप्स—
● घर में मास्टर बेडरूम कहां हो, बाकी बेडरूम भी कहां होने चाहिए। बच्चों का बेडरूम किस दिशा में हो, बेडरूम में दीवारों का रंग कैसा होना चाहिए, पलंग पर बीम का होना वास्तु दोष है क्या, इस तरह के कई सवाल अक्सर पूछे जाते है। इन सभी सवालों का परफेक्ट आंसर आपको निश्चित ही मिलेगा !● सबसे पहले मास्टर बेडरूम की बात करें तो- यह भवन स्वामी यानि मुखिया का कक्ष होता है। इसका निर्माण नैऋत्य कोण में करवाना चाहिए। कई बार घर के मुखिया व्यापार या नौकरी से रिटायर होने के बाद अपना बेडरूम बड़े लड़के को दे देते हैं जो कि ठीक भी है। अगर ग्राउंड फ्लोर के नैऋत्य कोण में पिता का मास्टर बैडरूम है तो फर्स्ट फ्लोर पर भी नैऋत्य कोण में ही बने रूम को बड़ा बेटा सेकंड मास्टर बैडरूम की तरह उपयोग में ले सकता है, वास्तु अनुसार यह सही है।
● अब बात करें न्यू कपल के बेडरूम की तो- शादीशुदा लोगों के लिए भी नैऋत्य कोण में बेडरूम शुभ रहता है। किसी भी बेडरूम के रंगों का चयन उस व्यक्ति की कुंडली के लाभदायक ग्रहों के आधार पर करना ज्यादा उचित रहता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में जो भी ग्रह बलशाली और योग कारक हो तो, उसी ग्रह से संबंधित कलर का बेडरूम में यूज़ करना फलदायक होता है जैसे कि, किसी जातक की कुंडली में केंद्रेश या त्रिकोणेश- सूर्य, मंगल, गुरु या शुक्र में से कोई ग्रह हो और वह ग्रह विशेष रूप से लग्न कुंडली के साथ ही नवमांश कुंडली में भी मजबूत व कारक ग्रह होकर बैठा हो तो, उस ग्रह के अनुसार पिंक, यलो या क्रीम कलर कराना उस जातक के लिए शुभ और लाभदायक रहेगा।
● आप जब भी अपने बच्चों की शादी करें तो शादी से पहले उनके बेडरूम को अच्छे तरीके से व्यवस्थित करवाएं। सीलन, जाले या बेकार सामान से भरे हुए कमरों में न्यू कपल को नहीं रखना चाहिए क्योंकि, यहां नकारात्मक ऊर्जा की संभावना ज्यादा रहती है।
● न्यू कपल के आग्नेय कोण मे रहने पर उनके बीच अक्सर विवाद देखने को मिलता है और कई बार यह स्थिति अलग रहने या तलाक तक भी पहुंच जाती है।
● न्यू कपल को ईशान कोण के बेडरूम में भी नहीं रहना चाहिए क्योंकि क्योंकि, ईशान कोण पूजा का स्थान है। इसलिए यहां बेडरूम होने पर कई बार शादी के काफी समय बाद भी संतान पैदा होने में प्रॉब्लम देखने को मिलती है।
● मैरिड कपल में गुड रिलेशनशिप के लिए अपने बेडरूम के नैऋत्य कोण की पश्चिमी दीवाल पर अपना हंसता हुआ एक फोटो लगाएं, इससे आपके जीवन में खुशी और सकारात्मक विचारों का प्रवेश होगा !
● अब बेडरूम में आईने की बात करें तो- बेडरूम में बिस्तर के ठीक सामने दर्पण लगाना अशुभ रहता है। यदि पति पत्नी का सोते समय प्रतिबिंब उस दर्पण में दिखाई दे तो, उनको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है व उनकी नींद में भी बाधा उत्पन्न होगी और आर्थिक पक्ष पर भी इसका नेगेटिव इफेक्ट होता है। इसके साथ ही कई बार पति-पत्नी के वैवाहिक संबंधों में भी भारी तनाव पैदा हो जाता है इसलिए, बेडरूम में आईना नहीं लगाना चाहिए और अगर लगाना ही है तो, ऐसी जगह लगाएं जहां पर सोते समय पति पत्नी का प्रतिबिंब उस आईने में दिखाई नहीं दे। यहां पर दर्पण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए काम नहीं आने पर दर्पण को पर्दे से ढक कर रखना चाहिए और हो सके तो इन्हें अलमारियों के अंदर ही लगवाने का प्रयास करना चाहिए।
● अब बात करें अग्नि कोण में स्थित बेडरूम की तो- अग्नि कोण के बेडरूम में सोने से ब्लड प्रेशर, शुगर, कोई ऑपरेशन या छोटा-मोटा एक्सीडेंट अक्सर लगा ही रहता है।
● कई बार देखने को मिलता है कि अग्नि कोण के बेडरूम में सोने से व्यक्ति का मन जोखिम के कार्यों और सिगरेट या शराब की ओर भी आकर्षित होने लग जाता है।
● यदि किसी कारण से अग्नि कोण में ही सोना पड़े तो अग्नि कोण से हटकर यानी पश्चिम या दक्षिण- पश्चिम की ओर बिस्तर लगा सकते हैं और इसके साथ में ही अग्नि कोण वाले बैडरूम के बाहर बालकनी आप गमले में पौधे लगाएं ।
● आग्नेय कोण यानी कि साउथ ईस्ट में यदि आपने कोई रूम बना लिया है तो, उसे गेस्ट रूम के लिए यूज कर सकते हैं। आग्नेय कोण के रूम को बैडरूम या मास्टर बैडरूम नहीं बनाना चाहिए। आग्नेय कोण के बेडरूम मैं रहने से यदि आपका ब्लड प्रेशर, शुगर और तनाव यदि बढ़ रहा हो और घर का कोई सदस्य ज्यादा गुस्सा करता है या उसके अंदर चिड़चिड़ापन बढ़ता जा रहा है तो, आग्नेय कोड के दोषों की शांति के लिए आप अग्नि कोण वाले शयनकक्ष की पूर्वी दीवाल पर या अपने पूजा घर में प्राण प्रतिष्ठित व हस्त निर्मित अग्नि कोण के स्वामी शुक्र यंत्र की स्थापना अवश्य करें। इस शुक्र यंत्र से आग्नेय कोण के बेडरूम के वास्तु दोष में आपको काफी कमी देखने को मिलेगी।
● इस अग्नि कोण वाले बेडरूम में आपको सफेद रंग कराना चाहिए, इससे आपका मन भी काफी शांत रहेगा।
● अग्नि कोण के बेडरूम में मिरर का प्रयोग नहीं करें क्योंकि, यहां मिरर इस अग्नि की तीव्रता को कई गुना बढ़ा देगा।
● अब बात करें वायव्य कोण में बने बेडरूम की तो- ● वास्तु के अनुसार घर के वायव्य यानि कि नॉर्थ वेस्ट में सबसे ज्यादा अस्थिरता होती है, इस कोण का तत्व भी वायु एवं स्वामी चंद्रमा होता है। चंद्रमा की भी प्रवृत्ति चंचल होती है इसलिए, इस जगह सोने पर व्यक्ति की जल्दी से जल्दी नौकरी या व्यवसाय आदि के लिए बाहर या विदेश में भी जाने की संभावना बन जाती है।
● घर में शादी के योग्य लड़कियों को भी वायव्य कोण के बेडरूम में सुलाने पर उनके विवाह की शीघ्र संभावनाएं बनती है।
● वायव्य कोण मेहमानों के लिए भी शुभ माना जाता है। यहां ध्यान रखें कि, वायव्य कोण में दोष होने से कोर्ट, कचहरी के चक्कर और शत्रुता अक्सर बढ़ जाती है इसलिए, वायव्य कोण के दोषों की शांति के लिए वायव्य कोण के स्वामी चंद्र ग्रह का हस्त निर्मित वैदिक यंत्र वायव्य कोण के बेडरूम या पूजा घर में अवश्य लगाना चाहिए। इन सभी यंत्रों के लिंक आपको नीचे मिल जाएंगे।
● अब बात करें ईशान कोण या स्टूडेंट्स के बेडरूम की तो- ● पढ़ने वाले बच्चों और कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों का बेडरूम ईशान कोण में होना शुभ और लाभदायक होता है! बच्चों के लिए पढ़ाई करते समय मुंह पूर्व दिशा की ओर और सोते समय सिर भी पूर्व दिशा की ओर ही रखना नॉलेज के लिए काफी हेल्पफुल माना जाता है
● बच्चों के कमरे में एसी को दक्षिण या पश्चिम दीवाल पर एवं अच्छी नॉलेज के लिए, ज्ञान के कारक गुरु ग्रह का वैदिक यंत्र ईशान कोण में अवश्य ही लगाना चाहिए!
● अब बेडरूम की वास्तु संबंधित कुछ सामान्य बातें करें तो- ● दरवाजे के ठीक सामने बिस्तर या फिर बिस्तर के ठीक पीछे कोई दरवाजा हो तो वास्तु अनुसार शुभ नहीं होता। उस बिस्तर पर शयन करने वाला व्यक्ति कई बार धोखे का शिकार हो जाता है। इसलिए बिस्तर को हमेशा दीवाल के सहारे ही लगाना चाहिए।
● ऐसे ही किसी बीम के नीचे बिस्तर लगाने पर भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
● कमरे में तिरछा बेड लगाना भी अशुभ ही माना जाता है।
● बेडरूम में भगवान की तस्वीरें और मंदिर भी कभी नहीं लगाना चाहिए।
● बेडरूम से लगा हुआ शौचालय ईशान कोण या आग्नेय दिशा में दोषपूर्ण माना जाता है।
● गर्भवती महिला के कमरे में कभी भी महाभारत, चाकू, छुरी, तेज धार वाले औजार, मायूसी वाली या जंगली जानवर की कोई भी एग्रेसिव पिक्चर नहीं लगानी चाहिए ! ऐसी महिलाएं बाल गोपाल और मुस्कुराते हुए बच्चों की फोटोस अपने कमरे में लगाएं इससे इनको, पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी।
● यदि आपके घर में भी छोटे-छोटे कई वास्तु दोष है तो आप भी इनके समाधान के लिए हस्त निर्मित संपूर्ण वास्तु यंत्र को अपने पूजा स्थान पर लगाकर इन दोषों को काफी कम कर सकते हैं !
● वास्तु के अकॉर्डिंग दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से गहरी नींद आती है और धन की भी प्राप्ति होती है। इसलिए घर के बड़ों को दक्षिण दिशा में सिर करके सोना लाभ देने वाला होता है।
● वास्तु शास्त्र और जन्मकुंडली से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए आप हमसे ऑनलाइन हमारी वेबसाइट एस्ट्रोलॉजर योगेश डॉट कॉम के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा भी हम अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी आपके लिए उपलब्ध है !