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Dr. Yogesh Vyas

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ईशान कोण का वास्तु (Eshaan kon ka vastu)-

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का काफी महत्व है। घर का उत्तर-पूर्व का कोना ईशान कोण के नाम से जाना जाता है। ईशान कोण जीवन में उन्नति और अवनति के लिए काफी महत्वपूर्ण है। ईशान कोण घर में निवास करने वाले लोगों के स्वास्थ्य, शांति, उन्नति एवं सुख -समृद्धि आदि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि घर के ईशान कोण में कई वास्तु दोष हैं तो इसी कोने में वास्तु पुरुष का सिर होने के कारण उस घर को प्रबल वास्तु दोष लगता है। ईशान कोण का तत्व जल है और इस दिशा का स्वामी गुरु ग्रह है। यहां पर जल के लिए हैंडपंप, कुआं, बोरिंग, जमीन के नीचे पानी का टैंक इत्यादि बनवाना शुभ होता है। ईशान कोण में वास्तु देवता का सिर होने के कारण यहां पर किसी तरह का वजन नहीं होना चाहिए, खासकर सीढ़ियों का निर्माण कराना शुभ नहीं होता । यहां सीढ़ियां होने से घर के मुखिया को आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव एवं व्यापार में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।

ईशान कोण को थोड़ा खुला रखना अच्छा माना जाता है। ईशान कोण में रसोई का निर्माण शुभ नहीं होता। यहां रसोई बनाने से आर्थिक तंगी, अचानक खर्चे के साथ ही स्त्रियों को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या शुरू हो जाती है। यदि आपके घर में भी ईशान कोण में रसोई बनी हुई है या ईशान कोण में अन्य किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो आपको अपने पूजा घर में हस्त निर्मित गुरु यंत्र अवश्य लगाना चाहिए। ईशान कोण में सेप्टिक टैंक होने पर संतान को लेकर अक्सर समस्या बनी रहती है। बच्चे जिद्दी और बात ना मानने वाले होने लगते हैं। घर के सदस्य भी कुसंगति की ओर आकर्षित होने लग जाते हैं।

ईशान कोण में कांटेदार पौधे लगाने से घर में कलह का वातावरण बनता है और बच्चों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। ईशान कोण तुलसी के पौधे लगाने के लिए उत्तम स्थान है । ईशान कोण घर के बाकी हिस्से से ऊंचा होने पर व्यवसाय में नुकसान एवं बीमारियों पर खर्च ज्यादा होता है। ईशान कोण में नव दम्पति का शयन कक्ष भी शुभ नहीं माना जाता क्योंकि , यह देव पूजन का स्थान है! यहां नव दंपति के सोने पर संतानोत्पत्ति में परेशानी या फिर देरी देखने को मिल सकती है। ईशान कोण मंदिर बनाने के लिए सर्वोत्तम स्थान माना जाता है। इस स्थान पर कभी भी गंदगी या कचरा इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। इस प्रकार घर में ईशान कोण को वास्तु अनुरूप बनाकर आप भी सुख, समृद्धि व उन्नति को प्राप्त कर सकते हैं।

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