Types Of Services Provided By Dr. Yogesh Vyas in Jaipur, Rajsthan
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विवाह सम्बन्धी समस्याओं के लिए रुद्राक्ष
यदि विवाह में बाधा आरही है नहीं हो पा रहा है या विवाह के बाद गृहस्थी सुखी नहीं है, आपके सम्बन्ध अपने रिश्ते नाते वालों के साथ ठीक नहीं हैं या समाज में शत्रु ही शत्रु हो गए हों, तो आपको दो मुखी रुद्राक्ष या गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए,इसे धारण करने से घर में होने वाले परस्पर झगड़ों से मुक्ति पाई जा सकती है, ये रुद्राक्ष पति-पत्नी, पिता-पुत्र, भाई-बहन,गुरु शिष्य अथवा मित्रों आदि के साथ के मतभेदों को दूर करता है, लड़के लड़कियों के विवाह में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो तो इसे जरूर धारण करवाएं लाभ मिलेगा, आप मंगलबार के दिन इनमे से कोई भी रुद्राक्ष धारण करें
कन्या विवाह के उपाय---
कन्या के विवाह में अगर विलम्ब हो रहा हो तो –
(1) विवाह-वार्ता के समय कन्या को सदा ही नये वस्त्र पहनायें ।
(2) विवाह के प्रस्ताव अगर नहीं आ रहे हैं तो - चार सप्ताह तक गुरुवार के दिन पीले और शुक्रवार के दिन सफ़ेद वस्त्र पहनायें । ध्यान रहे, किसी भी सप्ताह पहने हुये वस्त्र दुबारा ना पहनायें ।
(3) जब भी वर-पक्ष के घर जायें तो - पहले वो पैर अन्दर रखें, नासिका से उस दिन जो स्वर चल रहा हो ।
(4) अगर कन्या-पक्ष के लोग वार्ता के लिये वर-पक्ष के घर जा रहें हो तो - पीछे घर में कन्या अपने बाल खुले रखें, चोटी अथवा जुड़ा ना बांधे ।
(5) विवाह योग्य किसी कन्या को किसी विवाह-उत्सव में जाने का मौका मिले तो - वहां दुल्हे अथवा दुल्हन को लगाई मेहंदी लेकर थोड़ी अपने हाथ में लगा ले ।
(6) 16 सोमवार तक शिव-मंदिर में जल चढ़ाये और माँ पार्वती का सिंगार करे और शिव-पार्वती का गठ जोड़ बांधे, जैसे विवाह के दौरान ब्राह्मण दूल्हा-दुल्हन का गठ जोड़ बांधता है ।
निम्नलिखित मंत्र प्रतिदिन कम से कम 11 बार और नहीं तो 108 बार जप करे ।
- ॐ हे गौरी शंकर अर्धांगी यथा त्वं शंकर प्रिया ।
तथा माँ कुरु कल्याणी कान्त कांता सुदुर्लाभम ।।
बेटी की शादी के उपाय ---
बेटी जैसे ही विवाह योग्य होने लगती है माता-पिता चिंतित होने लगते हैं। सुयोग्य वर की तलाश में उनकी कोशिशें तेज होने लगती है। समस्त प्रयासों के साथ इन उपायों को भी आजमाएं सफलता अवश्य मिलेगी।
(1) गुरुवार को विष्णु-लक्ष्मी जी के मंदिर में जा कर विष्णु जी को कलगी (जो सेहरे के ऊपर लगी होती है) चढ़ाएं। साथ में बेसन के पांच लड्डू चढ़ाएं। शादी जल्दी हो जाएगी।
(2) कन्या किसी भी गुरुवार को प्रातः नहा-धो कर पीले रंग के वस्त्र पहने। फिर बेसन के लड्डू स्वयं बनाए। लड्डुओं का आकार कुछ भी हो, परंतु उनकी गिनती 108 होनी चाहिए। फिर पीले रंग की टोकरी में, पीले रंग का कपड़ा बिछा कर उन 108 लड्डुओं को उसमें रख दें , श्रद्धानुसार दक्षिणा रख दें। पास के किसी शिव मंदिर में जा कर, विवाह हेतु गुरु ग्रह की शांति और अनुकूलता के लिए संकल्प कर, सारा सामान किसी ब्राह्मण को दे दें। शिव-पार्वती से प्रार्थना कर अपने घर आ जाएं।
*- विशेष: ध्यान रहे कि बेसन का चूरा, जिससे लड्डू बनाए गए हों, पूरा काम में आ जाए, घर में नहीं रहे और न ही कोई लड्डू घर में काम में लिया जाए। सभी काम अमृत, शुभ के चौघड़िये में, भद्रारहित होने पर करें।
(3) यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर "ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नमः" मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी!
(4) प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर "ऊं सोमेश्वराय नमः" का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी
शुभ मुहूर्त में निम्न मंत्रों में से किसी एक का जप करना चाहिए।
* कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ,
नंदगोपसुतं देवं पतिं मे कुरु ते नमः ।।
* ॐ देवेंद्राणि नमस्तुभ्य देवेंद्रप्रिय भामिनीविवाह,
भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ।।
ससुराल से धन-प्राप्ति के योग--
सप्तमेश और द्वतीयेश एक साथ हों और उन पर शुक्र की दृष्टि हो |
चौथे घर का स्वमी सातवें घर में हो, शुक्र चौथे स्थान पर हो, तो ससुराल से धन मिलता है |
सप्तमेश नवमेश शुक्र द्वारा देखे जाते हों |
बलवान धनेश सातवें स्थान पर बैठे शुक्र द्वारा देखा जाता हो |
विवाह-विलंब के योग--
● शनि सप्तम स्थान में भले ही स्वग्रही हो परंतु सूर्य से सप्तम होने से विवाह में बाधा आयेगी ।
● शनि, सूर्य संयुक्त रूप से लग्न में हो तब भी विवाह में बाधा आयेगी ।
● शनि लग्न में और चंद्र सप्तम में हो तो भी विवाह में पर्याप्त विलंब होगा ।
● मकर, लग्न में शनि और चंद्र स्वग्रही होकर भी विवाह में विलम्ब करवाते हैं ।
● यदि, शनि का प्रभाव - सप्तम, सप्तमेश और शुक्र पर एकसाथ पड़ रहा हो तो भी विवाह में विलंब होगा ।
● शुक्र और चंद्र का 'षडाष्टक' योग भी विवाह विलम्ब से करवाता है ।
● सूर्य और चंद्र के बीच में अगर कर्क अथवा सिंह राशि का शुक्र आ जाये तो भी विवाह में विलंब हो जाता है । ● शुक्र अगर सूर्य से 43 अंशों से अधिक दूरी पर हो तो भी विवाह में विलंब होता है ।
● लग्न और शुक्र, बंध्या राशिगत हो- जैसे मिथुन, कन्या, सिंह और धनु में - तब भी विवाह में विलंब होता है । ● मंगल और शनि - शुक्र और चंद्र, से सप्तम हो तो भी विवाह में विलंब होगा । नोट :- गुरु अगर स्वयं विलंबकारी योग ना बना रहा हो और उसकी दृष्टी विवाह कारक ग्रहों अथवा भावों पर पड़ रही हो तो 'विवाह-विलंब' का योग भंग हो जाता है तथा विवाह समय पर हो जाता है ।