शयन कक्ष और वास्तु (Bedroom ka Vastu)-
वास्तु अनुसार बने हुए शयनकक्षों के द्वारा गृह स्वामी को ऐश्वर्य, पारिवारिक सुख, उन्नति और समृद्धि प्राप्त होती है। जहां घर के शयनकक्ष वास्तु अनुरूप नहीं होते वहां पर संतान का नहीं होना या संतान के होने में कई बार काफी समय लग जाना, आर्थिक परेशानी होना, घर में बीमारियों का रहना और तनाव जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए, घर में शयनकक्षों को वास्तु के अनुसार ही बनाना चाहिए। मास्टर बेडरूम भवन स्वामी यानि मुखिया का कक्ष होता है। इसका निर्माण नैऋत्य कोण में करवाना चाहिए। अगर ग्राउंड फ्लोर के नैऋत्य कोण में पिता का मास्टर बैडरूम है तो फर्स्ट फ्लोर पर नैऋत्य कोण में ही बने रूम को बड़ा बेटा सेकंड मास्टर बैडरूम की तरह उपयोग में ले सकता है।
न्यू कपल के लिए भी नैऋत्य कोण में ही बेडरूम अच्छा माना जाता है। सीलन, जाले या बेकार सामान से भरे हुए कमरों में न्यू कपल को नहीं रहना चाहिए क्योंकि, यहां नकारात्मक ऊर्जा की संभावना ज्यादा रहती है। न्यू कपल के आग्नेय कोण मे रहने पर उनके बीच अक्सर विवाद देखने को मिलता है । न्यू कपल को ईशान कोण के बेडरूम में भी नहीं रहना चाहिए । इसलिए यहां बेडरूम होने पर कई बार शादी के काफी समय बाद भी संतान पैदा होने में प्रॉब्लम देखने को मिलती है। न्यू कपल को समय पर संतान प्राप्ति के लिए अपने पूजा घर में हस्त निर्मित गुरु ग्रह का यंत्र अवश्य लगाना चाहिए।
● आग्नेय कोण यानी कि साउथ ईस्ट में रूम है तो, उसे गेस्ट रूम के लिए यूज कर सकते हैं। इसे बैडरूम या मास्टर बैडरूम नहीं बनाना चाहिए। आग्नेय कोण के बेडरूम मैं रहने से यदि आपका ब्लड प्रेशर, शुगर और तनाव बढ़ रहा हो और घर का कोई सदस्य ज्यादा गुस्सा करता है या उसके अंदर चिड़चिड़ापन बढ़ता जा रहा है तो, आग्नेय कोण के दोषों की शांति के लिए आप अग्नि कोण वाले शयनकक्ष की पूर्वी दीवाल पर या अपने पूजा घर में प्राण प्रतिष्ठित व हस्त निर्मित अग्नि कोण के स्वामी शुक्र यंत्र की या फिर आग्नेय दोष निवारक यंत्र की स्थापना अवश्य करें। इन यंत्रों से आग्नेय कोण के बेडरूम के वास्तु दोष में आपको काफी कमी देखने को मिलेगी।
वास्तु अनुसार घर के वायव्य कोण यानि नॉर्थ वेस्ट में सबसे ज्यादा अस्थिरता होती है इसलिए, इस जगह सोने पर व्यक्ति की जल्दी से जल्दी नौकरी या व्यवसाय आदि के लिए बाहर या विदेश जाने की भी संभावना बनती है। वायव्य कोण मेहमानों के लिए भी शुभ माना जाता है। यहां ध्यान रखें कि, वायव्य कोण में दोष होने से कोर्ट, कचहरी के चक्कर और शत्रुता अक्सर बढ़ जाती है इसलिए, वायव्य कोण के दोषों की शांति के लिए वायव्य कोण के स्वामी चंद्र ग्रह का हस्त निर्मित वैदिक यंत्र या फिर वायव्य दोष निवारक यंत्र वायव्य कोण के बेडरूम या अपने पूजा घर में अवश्य लगाना चाहिए।
● दरवाजे के ठीक सामने बिस्तर या फिर बिस्तर के ठीक पीछे कोई दरवाजा हो तो उस बिस्तर पर शयन करने वाला व्यक्ति कई बार धोखे का शिकार हो जाता है। इसलिए बिस्तर को हमेशा दीवाल के सहारे ही लगाना चाहिए। ऐसे ही किसी बीम के नीचे बिस्तर लगाने पर भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेडरूम में भगवान की तस्वीरें और मंदिर भी कभी नहीं लगाना चाहिए! इस प्रकार शयनकक्ष को वास्तु अनुसार बनाकर आप भी अपने जीवन को सुखी व समृद्ध बना सकते हैं।