सुखी दांपत्य और वास्तु (Marriage Life Vastu)-
वास्तुशास्त्र जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसी वास्तु में कमी आने पर आपके वैवाहिक जीवन में भी टकराव बढ़ सकता है। खुशहाल वैवाहिक जीवन हर दंपति का सपना होता है। आपने अक्सर देखा होगा कि कई घरों में तमाम अभाव होने के बावजूद भी दांपत्य जीवन अच्छा चल रहा है और दूसरी तरफ कई घर ऐसे भी हैं जहां भौतिक सुविधाएं तो काफी हैं लेकिन, छोटी-छोटी बातों पर कलह का वातावरण बना रहता है। कई बार घर का वास्तु दोष भी असफल वैवाहिक जीवन के पीछे एक बड़ा कारण हो सकता है। वास्तु शास्त्र में सुखी दांपत्य जीवन के लिए कई नियम बताए हैं जो निम्न हैं-
बेडरूम में दर्पण का प्रयोग शुभ नहीं माना जाता। यहां दर्पण होने से दंपती के बीच में अक्सर झगड़े और बहस होती रहती है क्योंकि, आईना नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करता है। इसलिए आपको विस्तर से दर्पण को दूर रखना चाहिए और रात को सोने से पहले यदि बेडरूम में दर्पण लगा है तो उसको कपड़े से ढक देना चाहिए। बेडरूम को हमेशा सजा कर रखें, अपने बेडरूम में कभी भी व्यर्थ का सामान या कबाड़ जमा ना होने दें क्योंकि, इससे सकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है। यहां साइड टेबल पर कोई भी वस्तु धूल भरी, बेतरतीब और बिखरी हुई नहीं होनी चाहिए ।
पलंग के सामने दीवाल पर आपको कभी भी जंगली जानवर एवं आक्रामक या फिर उदासी वाली तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। बेडरूम में राधा कृष्ण का चित्र आप लगा सकते हैं। हंसों का जोड़ा भी शयन कक्ष में रखने से पति- पत्नी के बीच में प्यार और विश्वास में वृद्धि होती है। बिस्तर को इस तरीके से रखा जाना चाहिए कि पति- पत्नी अपने सिर को दक्षिण दिशा की ओर करके सोएं। विवाहित जोड़े को एक ही गद्दे पर सोना चाहिए क्योंकि, यह विचारों और भावनाओं में एकरूपता को बढ़ाता है। शुक्र ग्रह प्रेम, पत्नी व भौतिकता का कारक है और वहीं गुरु ग्रह महिलाओं के वैवाहिक सुख का कारक है इसलिए, सुखद वैवाहिक जीवन के लिए आपको अपने पूजा घर में हस्त निर्मित वैदिक गुरु एवं शुक्र यंत्र अवश्य ही स्थापित करने चाहिए। इन वैदिक यंत्रों की सकारात्मक ऊर्जा से आपको दांपत्य जीवन में प्रेम की वृद्धि और विश्वास देखने को मिलेगा। बेडरूम में मुख्य द्वार की ओर पैर करके सोना भी वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता । इस प्रकार वास्तु के सिद्धांतों को अपनाकर आप भी अपने वैवाहिक जीवन को सुखी बना सकते हैं।