Navgrah Mantra
ग्रह |
तांत्रिक-मंत्र |
बीज-मंत्र |
सूर्य |
ॐ घृणि: सूर्याय नम:।। |
ॐ ह्रीं हौं सूर्याय नम:।। |
चंद्र |
ॐ सों सोमाय नम:।। |
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।। |
भौम |
ॐ अं अंङ्गारकाय नम:।। |
ॐ हूं श्रीं भौमाय नम:।। |
बुध |
ॐ बुं बुधाय नम:।। |
ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नम:।। |
गुरु |
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।। |
ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नम:।। |
शुक्र |
ॐ शुं शुक्राय नम:।। |
ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:।। |
शनि |
ॐ शं शनैश्चराय नम:।। |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम:।। |
राहु |
ॐ रां राहवे नम:।। |
ॐ ऐं ह्रीं राहवे नम:।। |
केतु |
ॐ कें केतवे नम:।। |
ॐ ह्रीं ऐं केतवे नम:।। |
1-सूर्य के बीज मंत्र का सूर्योदय समय 7000 जप 40 दिन में करें।
2- चंद्र के मूल मंत्र का 40 दिन में 11,000 मंत्र का जाप करें।
3- मंगल के मंत्र का 10 हजार बार जाप करें ।
4- बुध के मूल मंत्र का सवेरे 5 घटी के अंदर 9,000 या 16,000 पाठ 40 दिन में करें ।
5- गुरु के बीज मंत्र का संध्या समय 19,000 जप 40 दिन में करें।
6- शुक्र के मूल मंत्र का जप सूर्योदयकाल में 16,000 जप 40 दिन में करें।
7- शनि के मूल मंत्र का जप संध्या समय 40 दिन में 23,000 जाप करें।
8- राहु मूल मंत्र का जप रात्रि में 18,000 बार 40 दिन में करें !