Types Of Services Provided By Dr. Yogesh Vyas in Jaipur, Rajsthan
1. Astrology for business
2. Love marriage problem solution astrology
3. Astrology Services for marriage
4. Financial Services Astrology
5. Problems in marriage astrology
6. Husband-wife problem solution by astrology
7. Career prediction astrology
8. Astrology for job
9. Astrology for health
10. Astrology for education
11. Financial problem Astrology Solution
12. Vastu Services
13. Jyotish Services
14. Vastu Yantras
15. Jyotish Yantras
वास्तु के अनुसार दर्पण(Mirror According to Vastu)-
दर्पण हमारी प्रतिदिन की जरूरतों में शामिल है और यह हमको हमारा व्यक्तित्व भी दिखाता है। दर्पण कहां और कैसे लगाना चाहिए इसके लिए वास्तु में कई नियम भी बताए गए हैं। वास्तु के अनुसार घर में लगे दर्पण जिस कोण या दिशा में लगे होते हैं उस दिशा की ऊर्जा को परावर्तित करते हैं इसलिए, आवासीय अथवा व्यावसायिक भवनों में उत्तर या पूर्वी दीवाल पर या फिर ईशान कोण यानि उत्तर- पूर्व दिशा में ही दर्पण लगाने चाहिए। यहां दर्पण लगाने से आय में वृद्धि और व्यवसायिक बाधाएं भी दूर होती हैं।
दर्पण का टूटना अशुभ माना जाता है लेकिन मान्यता है कि, इसके टूटने से मुसीबत भी टल जाती है। टूटे हुए दर्पण को घर में नहीं रखें, या तो इसे बाहर फेंक दें या फिर कटवा कर वर्गाकार या आयताकार रूप में परिवर्तित करा लें। शयन कक्ष के ड्रेसिंग रूम में यदि दर्पण लगाना ही है तो आप इसे उत्तर या पूर्व की दीवाल पर लगा सकते हैं। अग्नि कोण के बेडरूम में मिरर का प्रयोग नहीं करें क्योंकि, यहां मिरर इस अग्नि की तीव्रता को कई गुना बढ़ा देगा। दर्पण को खिड़की , दरवाजे की ओर देखते हुए नहीं लगाना चाहिए। कमरे के दीवारों पर आमने-सामने दर्पण लगाने से घर के सदस्यों में अक्सर बेचैनी और उलझन बनी रहती है।
बेडरूम में बिस्तर के ठीक सामने दर्पण लगाना अशुभ रहता है। यदि पति पत्नी का सोते समय प्रतिबिंब उस दर्पण में दिखाई दे तो, उनको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है व उनकी नींद में भी बाधा उत्पन्न होगी और आर्थिक पक्ष पर भी इसका नेगेटिव इफेक्ट होता है। इसके साथ ही कई बार पति-पत्नी के वैवाहिक संबंधों में भी भारी तनाव पैदा हो जाता है इसलिए, बेडरूम में आईना नहीं लगाना चाहिए और अगर लगाना ही है तो, ऐसी जगह लगाएं जहां पर सोते समय पति पत्नी का प्रतिबिंब उस आईने में दिखाई नहीं दे। यहां पर दर्पण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए काम नहीं आने पर दर्पण को पर्दे से ढक कर रखना चाहिए और हो सके तो इन्हें अलमारियों के अंदर ही लगवाने का प्रयास करना चाहिए।
यदि आपके घर के बाहर कोई इलेक्ट्रिक लाइन, पोल, ट्रांसफार्मर, ऊंची इमारत, अवांछित या सूखा पेड़, गंदगी, कचरा आदि है या फिर आपके घर के दरवाजे तक कोई सड़क सीधी आने के कारण द्वार वेध हो रहा है और दरवाजा हटाना भी संभव नहीं हो तो इनकी नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए आपको अपने घर के मुख्य द्वार पर रत्न जड़ित संपूर्ण वास्तु मिरर अवश्य ही लगाना चाहिए। इस वास्तु मिरर से विपरीत दिशाओं से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा रिफ्लेक्ट हो जाएगी। वास्तु मिरर को कभी भी भवन के अंदर नहीं लगाना चाहिए। दर्पण आकार में चाहे जितना भी बड़ा हो लेकिन वजन में हल्का ही होना चाहिए। आप अपनी मन-मर्जी से किसी भी आकार में दर्पण का इस्तेमाल नहीं करें, गोल दर्पण अधिक लाभ देने वाले होते हैं। वास्तु में दर्पण एक उत्प्रेरक है और इसके माध्यम से घर की शूक्ष्म ऊर्जा को संतुलित किया जाता है। आप भी इसका वास्तु अनुरूप उपयोग करके जीवन में उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।