दीवाल घड़ी से व्यावसायिक उन्नति
वास्तु के अनुसार देवताओं के राजा इंद्र पूर्व दिशा में शासन करते हैं इसलिए पूर्व दिशा में घड़ी लगाना शुभ फल
देने वाला साबित होता है। पूर्व दिशा में लगी घड़ी घर परिवार में समृद्धि को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी
प्रकार से धन के देवता कुबेर की उत्तर दिशा है और घर में दीवार घड़ी लगाने की यही सर्वोत्तम दिशा भी मानी जाती
है। इसलिए उत्तर दिशा में घड़ी लगाना भी समृद्धि और उन्नति देता है। उत्तर दिशा में घड़ी लगाने पर परिवार की
आर्थिक समस्याएं दूर होती है और धन-धान्य में निरंतर वृद्धि होती रहती है। इस प्रकार से पूर्व और उत्तर दिशा में
घड़ी लगाने पर परिवार में खुशियां बनी रहती है और व्यक्ति के जीवन में उत्तरोत्तर विकास भी देखने को मिलता
है। वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा में घड़ी लगाना शुभ नहीं माना जाता, पश्चिम दिशा का स्वामी शनि ग्रह है
और शनि की गति बेहद धीमी मानी जाती है। घर की पश्चिम दिशा में घड़ी लगाने से उस घर में रहने वाले
व्यक्तियों के जीवन में होने वाले उनके कामों की स्पीड में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है। वास्तु के अनुसार
घर की दक्षिण दिशा भी घड़ी लगाने के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है। दक्षिण दिशा में घड़ी लगाने पर
पारिवारिक सौहार्द और धन की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है क्योंकि दक्षिण दिशा यम
देव के द्वारा शासित है इसलिए इसे शुभ नहीं माना जाता और वहां रहने वाले व्यक्तियों के काम भी अक्सर
समय पर नहीं हो पाते। दक्षिण दिशा में दीवार घड़ी के लगे होने पर भाग्य में रुकावट और स्वास्थ्य पर भी
नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है । इसी प्रकार से घर के नैऋत्य कोण यानि कि दक्षिण पश्चिम के कोने में
भी घड़ी को लगाना शुभ नहीं माना जाता क्योंकि इस कोण का स्वामी राहु है और नैऋत्य कोण में नेगेटिव एनर्जी
का वास होता है इसलिए, वहां पर लगी हुई घड़ी भी हमारे शुभ परिणाम में अक्सर कमी को दर्शाती है और यहां
लगी घड़ी नेगेटिव एनर्जी को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। इन दिशाओं के अलावा भी घर के मुख्य दरवाजे
पर या जिस जगह से घर में प्रवेश करते हैं वहां पर भी घड़ी लगाना शुभ नहीं माना जाता। घर के एंट्रेंस पर दरवाजे
के ऊपर या घर के किसी भी दरवाजे के ऊपर घड़ी को नहीं लगना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसा करने पर उस
घड़ी के नीचे से गुजरने वाले व्यक्ति की तरक्की की स्पीड में काफी कमी देखने को मिल सकती है। इसी प्रकार से
पलंग के ऊपर या फिर सर के ऊपर भी घड़ी लगाना शुभ फल दायक नहीं माना जाता इसलिए वहां भी यानि सर के
ऊपर घड़ी को नहीं लगना चाहिए। इसी प्रकार से घर में निरंतर चलती हुई घड़ी को लगातार आगे बढ़ते हुए जीवन
से जोड़कर भी देखा जाता है और बंद घड़ी को जीवन में रुकावट या व्यक्ति के कार्यों में परेशानी से जोड़कर देखा
जाता है। तो वास्तु के अनुसार घर में बंद घड़ी, खराब पड़ी हुई घड़ी या टूटी हुई घड़ी को कभी भी नहीं रखना चाहिए,
खासतौर से टूटे हुए कांच वाली घड़ी घर में रखने से नेगेटिव एनर्जी आकर्षित होती है इसलिए घर में घड़ी को चालू
हालत में और साफ-सुथरा बनाकर ही हमेशा रखना चाहिए। घड़ी पर कभी भी धूल मिट्टी ना जमने दे। वास्तु के
अनुसार मधुर संगीत उत्पन्न करने वाली घड़ियों को आप अपने ड्राइंग रूम में लगा सकते हैं। घड़ी को कभी भी
अपने समय से पीछे नहीं चलना चाहिए। अगर ऐसा है तो घड़ी का समय आपको निश्चित रूप से करेक्ट करके
रखना होगा । हमारी घड़ी का अपने समय से पीछे चलना हमारे कामों में रुकावट पैदा कर सकता है। आप जब
लिविंग रूम में घड़ी लगाते हैं तो आपको उत्तर दिशा में ही घड़ी लगाने का प्रयास करना चाहिए और अगर यहां नहीं
लग पा रहे हैं तो पूर्व दिशा में या फिर उत्तर- पूर्व यानि कि ईशान कोण में भी आप घड़ी को लगा सकते हैं। इसी
प्रकार से घड़ी के रंग की बात करें तो घर में आर्थिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा के साथ ही खुशहाली लाने के
लिए घड़ी के रंग का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आप घर में सफेद रंग, आसमानी, लाइट ग्रीन या
फिर क्रीम कलर का भी आप प्रयोग कर सकते हैं। इस प्रकार घड़ी को वास्तु के नियमों के अनुसार अपने घर में
लगाकर आप भी अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि, सुख, शांति और उन्नति को हासिल कर सकते हैं।
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यंत्र, संपूर्ण वास्तु यंत्र, हस्त निर्मित एवं रत्न जड़ित संपूर्ण श्री यंत्र के साथ ही गोमती चक्र युक्त कछुआ
और गोमती चक्र युक्त स्वास्तिक का प्रयोग करना भी बेहद शुभ और उत्तम फलदायक माना जाता है।
■ ज्योतिष फलदायक न होकर फल सूचक है ! किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले किसी योग्य
ज्योतिर्विद से संपूर्ण कुंडली के परामर्श करने के बाद ही किसी सार्थक निर्णय पर पहुंचना उचित माना
जाता है।
Website- www.astrologeryogesh.com
डॉ योगेश व्यास, ज्योतिषाचार्य (टॉपर),
नेट (साहित्य एवं ज्योतिष), पीएच.डी (ज्योतिषशास्त्र)
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