वास्तु और उत्तर दिशा(North Direction in vastu)-
वास्तु शास्त्र में सभी दिशाओं में से उत्तर दिशा को बेहद शुभ माना गया है। उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की दिशा होने से धन-संपत्ति, उन्नति व ऐश्वर्य कारक होती है। उत्तर दिशा का तत्व जल है और इसका रंग नीला है। इस दिशा में जलीय तत्व से संबंधित वस्तुओं को रखने पर यहां की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। उत्तर दिशा से व्यवसाय, धन की वृद्धि, कैरियर एवं नई नौकरी को भी देखा जाता है इसलिए, इस दिशा को विकसित करने के लिए यहां उत्तर दिशा के स्वामी बुध ग्रह का वैदिक यंत्र अवश्य लगाना चाहिए। उत्तर दिशा में लगाया हुआ दर्पण घर के लोगों को शुभ फल प्रदान करता है। घर की उत्तर दिशा में दीवारों पर हल्के नीले रंग का पेंट करवाने पर घर में धन का आगमन आसानी से होने लगता है। उत्तर दिशा में ए सी (AC) भी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि, उत्तर दिशा जलीय तत्व की होने से AC यहाँ वास्तु दोष उत्पन्न करता है । ऐसा होने पर आपको AC के पास में बुध का यंत्र लगाना चाहिए।
उत्तर दिशा में द्वार का होना शुभ माना जाता है और यह नए अवसर भी प्रदान करता है। प्रमोशन के लिए आपको अपने घर की उत्तर दिशा को उन्नत बनाना चाहिए। इसी प्रकार से जो लोग राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको भी अपने घर या ऑफिस की उत्तर दिशा को विकसित करना चाहिए। इसके अलावा चिकित्सा एवं दवाइयों के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को भी अपने घर, ऑफिस, दुकान, क्लीनिक इत्यादि की उत्तर दिशा को उन्नत बनाने का प्रयास करना चाहिए। धन प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा में हस्तनिर्मित लक्ष्मी बीसा यंत्र की स्थापना भी शुभ फल प्रदान करती है। उत्तर दिशा को मनी प्लांट लगाने के लिए भी शुभ माना जाता है साथ ही यहां पर गहरे हरे वा चौड़े पत्तों वाले छोटे पौधे भी लगाने चाहिए। उत्तर दिशा में किचन, सीढी, शौचालय, सेप्टिक टैंक आदि बना हो तो यह एक बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। घर की उत्तर दिशा में ऐसे बड़े दोष होने पर घर में रोगों के साथ ही उन्नति में भी रुकावटें बढ़ जाती है। इस दोष को कम करने के लिए पूजा घर में हस्तनिर्मित बुध का यंत्र अवश्य लगाना चाहिए। उत्तर दिशा में कोई फव्वारा, फिश एक्वेरियम या गोमती चक्रों से बना हुआ हस्त निर्मित कछुआ लगाने पर भी यह दिशा उन्नत होती है। इस प्रकार वास्तु अनुरूप उत्तर दिशा को विकसित करके आप भी अपने जीवन में धन, संपत्ति व उन्नति को प्राप्त कर सकते हैं ।