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Dr. Yogesh Vyas

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Types Of Services Provided By Dr. Yogesh Vyas in Jaipur, Rajsthan

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ऑफिस का वास्तु (Rasoi Ghar Ka Vastu)-

वास्तु के अनुसार घर में किचन की महत्वपूर्ण भूमिका है। कुछ लोग अपनी सुविधा के अनुसार किचन को जगह का उपयोग करने के उद्देश्य से कहीं भी बना लेते हैं जबकि, वास्तु में हर दिशा की अपनी एक अलग एनर्जी है। किचन के अंदर अगर वास्तु के विपरीत निर्माण किया गया है तो उसके नकारात्मक प्रभाव भी घर के सदस्यों में देखने को मिलते हैं। इनका सबसे ज्यादा असर घर की महिलाओं पर होता है क्योंकि, इनका ज्यादातर समय किचन में ही व्यतीत होता है। वास्तु के हिसाब से किचन का सर्वोत्तम स्थान अग्नि कोण यानि कि दक्षिण- पूर्व दिशा को माना गया है। इस कोने का तत्व अग्नि और इस दिशा का स्वामी शुक्र ग्रह है। यदि किसी कारण से अग्नि कोण में किचन बनाना संभव ना हो तो आप घर के वायव्य कोण यानि कि उत्तर -पश्चिम दिशा में भी किचन बना सकते हैं। किचन के ईशान कोण यानि कि उत्तर -पूर्व दिशा में सिंक का निर्माण कराएं और किचन में चूल्हे व सिलेंडर की व्यवस्था भी अग्नि कोण में ही करनी चाहिए।

किचन में पेंट कराते समय महिलाओं की जन्म कुंडली को दिखाकर उस कुंडली के आधार पर उनके प्रभावशाली ग्रहों के अनुसार कलर कराना भी शुभ माना जाता है। किचन में माइक्रोवेव- ओवन , इंडक्शन, मिक्सी- ग्राइंडर इत्यादि को आग्नेय कोण या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। किचन को दक्षिण- पश्चिम दिशा यानी कि नैऋत्य कोण में बनाना बेहद अशुभ माना जाता है। किसी घर के नैऋत्य कोण में किचन हो और घर के मुखिया का राहु भी खराब स्थिति में हो तो उस घर के मुखिया के स्वास्थ्य में अक्सर समस्या देखने को मिलती है। नैऋत्य दिशा का स्वामी राहु है और घर में नैऋत्य कोण के दूषित होने पर कई बार तो घर के कई सदस्यों में शारीरिक व मानसिक परेशानियां देखने को मिलती हैं। यदि आपके घर में भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन का निर्माण हो गया है तो, आपको इसके समाधान के लिए हस्त निर्मित वैदिक राहु यंत्र को अपने पूजा घर या किचन के द्वार के ऊपर अवश्य ही लगाना चाहिए।

रसोई घर में बाहर से जूते- चप्पल लाने पर यहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। रसोई में धार्मिक फोटो, तस्वीर या मंदिर का लगाना भी शुभ नहीं माना जाता। रसोई में मंदिर होने से परिवार के सदस्यों में रक्त संबंधी बीमारी हो सकती है। रसोई में सामान रखने की अलमारी भी दक्षिण और पश्चिम दिशा में ही बनानी चाहिए। घर की पश्चिम दिशा में भी किचन का निर्माण शुभ नहीं माना जाता ! यदि आपके घर में भी पश्चिम दिशा में किचन है तो आपको किचन के द्वार के ऊपर हस्त निर्मित वैदिक शनि यंत्र अवश्य ही लगाना चाहिए। इस प्रकार आप भी किचन को वास्तु अनुरूप बनाकर यहां की सकारात्मक ऊर्जा के द्वारा स्वस्थ व दीर्घायु बने रह सकते हैं।

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