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वास्तु से रोग व दुर्घटना का बचाव (Prevention of Diseases and Accidents With Vastu)-
हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है और वास्तु इन्हीं तत्वों को संतुलित करके हमारे जीवन को व्यवस्थित बनाता है। जब घर की सभी दिशाएं वास्तु अनुरूप बनी हों तो जीवन सुखी व समृद्ध रहता है और यही दिशाएं जब वास्तु दोषों को लेकर चलती हैं तो हमें अक्सर रोग, चोट व दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। वास्तु के अनुसार ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व में यदि कोई बड़ा दोष हो तो, नींद आने में परेशानी और मानसिक समस्या बनी रहती है। ईशान कोण में जब किचन होती है तो घर की महिलाओं को बीमारियां शुरू हो जाती हैं। ऐसे ही जब ईशान कोण में सेप्टिक टैंक बना हो तो वहां पर संतान से संबंधित समस्या के साथ ही दुर्घटनाएं भी देखने को मिलती हैं। ईशान कोण घर का सबसे साफ- सुथरा और हल्का हिस्सा होता है ! यदि आपके घर में ईशान कोण दोष युक्त है तो चोट, दुर्घटना व रोगों से बचने के लिए आपको भी हस्तनिर्मित ईशान दोष निवारक यंत्र अपने पूजा घर में अवश्य ही लगाना चाहिए।
इसी प्रकार से आग्नेय कोण यानि दक्षिण-पूर्व का तत्व अग्नि होता है और यहां पर जमीन के अंदर जब किसी पानी के टैंक का निर्माण हो जाता है तो चोट वा दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसी प्रकार से जब यहां पर कोई सेप्टिक टैंक बना दिया जाता है या इस कोण में छत के ऊपर पानी का स्टोरेज किया जाता है तो भी दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस अग्नि कोण में पानी के स्टोरेज से हमेशा बचना चाहिए। घर के अग्नि कोण में दोष होने पर अग्नि कोण वाले हिस्से में हस्तनिर्मित शुक्र यंत्र अथवा पूजा घर में अग्नि दोष निवारक यंत्र अवश्य ही लगाना चाहिए।
इसी प्रकार से घर का नैऋत्य कोण यानि दक्षिण -पश्चिम दिशा का स्वामी राहु होता है और नैऋत्य कोण में बड़े दोष होने पर घर के लोगों को असहनीय स्वास्थ्य पीड़ा एवं गंभीर बीमारियां होती हैं। इस दिशा में बड़े दोष होने पर परिवार में कलह, अशांति, मानसिक- रोग, प्रेत बाधा, दुर्घटना एवं शादी में विलंब जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। नैऋत्य कोण हमेशा ऊंचा होना चाहिए। इस जगह कभी भी कोई बोरिंग, गड्ढा आदि नहीं बनाना चाहिए। नैऋत्य कोण में रसोई होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती हैं। इस दोष के निवारण हेतु रसोईघर के दरवाजे के ऊपर नैऋत्य दोष निवारक यंत्र अवश्य लगाना चाहिए। नैऋत्य कोण में जब सेप्टिक टैंक बना हो तो घर में बड़ी बीमारियां और अचानक दुर्घटनाएं हो सकती हैं। नैऋत्य कोण में घर का मुख्य दरवाजा होने पर बेवजह के शत्रु और नाम खराब होने की भी संभावना बनती है। इसलिए नैऋत्य कोण में मुख्य दरवाजा बनाने से बचना चाहिए। नैऋत्य कोण में शौचालय होने पर घर के लोगों में पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। नैऋत्य कोण में मुख्य दरवाजा अथवा शौचालय होने पर पूजा घर में हस्तनिर्मित राहु यंत्र लगाना चाहिए। इस प्रकार आप भी अपने घर की दिशाओं को वास्तु अनुरूप बनाकर रोग और दुर्घटनाओं से बचते हुए अपने जीवन को स्वस्थ व उन्नत बना सकते हैं।