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Dr. Yogesh Vyas

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Marriage Astrologer

जीवन में सुखद विवाह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है, इसीलिए अब व्यवस्थित कुण्डली मिलान आवस्यक होता जा रहा है। कुंडली मिलान- हिंदू विवाह परंपरा के अनुसार सफल वैवाहिक जीवन के लिये बहुत आवश्यक माना जाता है। मान्यता है कि यदि जातक और जातिका की जन्मकुंडली मैच हो रही है, कुंडली में गुण मिलान हो रहे हैं तो उनके वैवाहिक जीवन का सफर भी अच्छा रहेगा। शादी करने जा रहे जोड़ों के रिश्ते कितने अच्छे रहेंगे, इस बारे में भी सलाह दी जाती है। यहां गहराई के साथ कुण्डली मिलान की व्यवस्था उपलव्ध है।
हम इस वेबसाइट के माध्यम से आपकी समस्याओं का समाधान आसान तरीकों से करने के लिए उपलव्ध हैं।

अंक ज्योतिष से विवाह आंकलन—अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक, मूलांक और भाग्यांक इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है ! विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है ! अंक ज्योतिष- भविष्य जानने की एक विधा है ! अंक ज्योतिष से ज्योतिष की अन्य विधाओं की तरह भविष्य और सभी प्रकार के ज्योंतिषीय प्रश्नों का उत्तर ज्ञात किया जा सकता है. विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषय में भी अंक ज्योतिष और उसके उपाय काफी मददगार साबित होते हैं.

अंक ज्योंतिष अपने नाम के अनुसार अंक पर आधारित है. अंकों के बीच जब ताल मेल नहीं होता है तब वे अशुभ या विपरीत परिणाम देते हैं ! अगर वर और वधू के अंक आपस में मेल खाते हैं तो विवाह हो सकता है! अगर अंक मेल नहीं खाते हैं तो इसका उपाय करना होता है ताकि अंकों के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित हो सके! वैदिक ज्योतिष एवं उसके समानांतर चलने वाली ज्योतिष विधाओं में वर वधु के वैवाहिक जीवन का आंकलन करने के लिए जिस प्रकार से कुण्डली से गुण मिलाया जाता ठीक उसी प्रकार अंकशास्त्र में अंकों को मिलाकर वर वधू के वैवाहिक जीवन का आंकलन किया जाता है.

अंकशास्त्र से वर वधू का गुण मिलान--
अंकशास्त्र में वर एवं वधू के वैवाहिक गुण मिलान के लिए, अंकशास्त्र के प्रमुख तीन अंकों में से नामांक ज्ञात किया जाता है ! नामांक ज्ञात करने के लिए दोनों के नामों को अंग्रेजी के अलग अलग लिखा जाता है ! नाम लिखने के बाद सभी अक्षरों के अंकों को जोड़ा जाता है जिससे नामांक ज्ञात होता है ! ध्यान रखने योग्य तथ्य यह है कि अगर मूलक 9 से अधिक हो तो योग से प्राप्त संख्या को दो भागों में बांटकर पुन: योग किया जाता है ! इस प्रकार जो अंक आता है वह नामांक होता है ! उदाहरण से-- योग 22 आने पर 2+2= 4 अंकशास्त्र का यह नियम है !

वर वधू के नामांक का फल--
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