Finance
सुखमय, ऐश्वर्य संपन्न जीवन जीने के लिए धन अति आवश्यक है। आधुनिक भौतिकतावादी युग में धन की महत्ता इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि धनाभाव में हम विलासितापूर्ण जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते, यही कारण है कि आज प्रत्येक व्यक्ति अधिकाधिक धन संचय करने के लिए प्रयासरत है। अपने जीवन-काल में किसे कितना धन प्राप्त होगा यह धन कैसे-कैसे साधनों के द्वारा प्राप्त होगा, इन सब संपूर्ण तथ्यों की जानकारी किसी भी जातक की जन्म पत्रिका में उपस्थित ग्रह योगों के आधार पर पूर्णरूपेण प्राप्त की जा सकती है। हम देखते हैं कि जिन व्यवसाय- पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं या किसी अन्य व्यवसाय से जुड़ जाते हैं अथवा अनेक व्यवसाय एक साथ करने लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण जातक की कुण्डली में ग्रहों की स्थिती होती हैं। कोई व्यक्ति अपने जीवन में कितना धनी हो पाएगा, यह उसकी कुंडली में लिखा होता है। जन्म कुंडली के कुछ प्रमुख धन योग। इनमें से किसी एक योग के होने पर भी व्यक्ति को धन की प्राप्ति अवश्य होती है।
कुंडली में धन योग--
● जन्म कुंडली के दूसरे भाव पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो तब भी भरपूर धन के योग बनते हैं।
● लग्नेश जहां बैठा हो, उससे दूसरे भाव का स्वामी उच्च राशि का होकर केंद्र में बैठा हो।
● द्वितीयेश धनेश है,उस पर शुभ ग्रह की दृष्टि या 2 भाव में शुभ ग्रह बैठा हो तो जातक के पास अपार पैसा रहता है।
● द्वितीयेश के साथ कोई शुभ ग्रह बैठा हो तब भी व्यक्ति को धन की कमी नहीं रहती।
● जब गुरु कुंडली के केंद्र में स्थित हो तो जातक के पास अपार पैसा रहता है।
● बुध पर गुरु की पूर्ण दृष्टि हो तब भी व्यक्ति को धन की कमी नहीं रहती।।
● चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ त्रिकोण में या चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ केंद्र में हों।
● धनेश व लाभेश उच्च राशिगत हों तो जातक के पास अपार पैसा रहता है।
● चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ लाभ भाव में हों।
● लग्न से तीसरे, छठे, दसवें व ग्यारहवें भाव में शुभ ग्रह बैठे हों।
● सप्तमेश दशम भाव में हो तथा दशमेश अपनी उच्च राशि में नवमेश के साथ हो या सप्तमेश 10 भाव में उच्च राशि में हो।
● बृहस्पति धनेश होकर मंगल के साथ हो या चंद्रमा व बृहस्पति की किसी शुभ भाव में युति हो।
● बृहस्पति लाभ भाव में स्थित हो तब भी व्यक्ति को धन की कमी नहीं रहती।
● द्वितीयेश उच्च राशि का होकर केंद्र में बैठा हो तो जातक के पास अपार पैसा रहता है।
● अगर जन्मकुंडली के दूसरे भाव में शुभ ग्रह बैठा हो तो जातक के पास पैसा आता है।
● जन्म कुंडली के दूसरे भाव पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो तब भी भरपूर धन के योग बनते हैं।
● दूसरे भाव का स्वामी यानी द्वितीयेश के साथ कोई शुभ ग्रह बैठा हो तब भी व्यक्ति के पास खूब पैसा रहता है।
● बुध पर गुरु की पूर्ण दृष्टि हो। (5,7,9)
● द्वितीयेश उच्च राशि का होकर केंद्र में बैठा हो।
● लग्नेश जहां बैठा हो, उससे दूसरे भाव का स्वामी उच्च राशि का होकर केंद्र में बैठा हो।
● धनेश व लाभेश उच्च राशिगत हों।
● चंद्रमा व बृहस्पति की किसी शुभ भाव में युति हो।
● चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ केंद्र में हों।
● चंद्र व मंगल दोनों एकसाथ लाभ भाव में हों।
● अमला योग -जब जन्मलग्न अथवा चन्द्रलग्न से दशम स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो और उस पर कोई पाप प्रभाव ना हो तो जन्मपत्रिका में अमला योग का निर्माण होता है। अमला योग में जन्म लेने वाला जातक सफ़ल, सम्पन्न स्थायी सम्पत्तिवाला होता है।
पैसा आने के शुभ संकेत--
ज्योतिषों-अनुसार बताए गए संकेतों का संयोग से होना आवश्क है। जान-बुझकर बनाएं गए संयोग से नहीं है।
● सोकर उठते ही सुबह-सुबह कोई भिखारी मांगने आ जाए, तो समझ लो कि आपके द्वारा दिया गया उधार पैसा बिना मांगे ही मिलने वाला है। इसलिए भिखारी को अपने द्वार से कभी खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
● लेन-देन करते समय अगर आपके हाथ से पैसा छूट जाए, तो समझ लो कि धन लाभ होने वाला है।
● घर से निकलते समय यदि कोई सुहागन स्त्री हाथ में पूजा की थाली लिए मिल जाए तो समझ लो अचानक ही कहीं से धन आने वाला है।
● कहीं जाते समय नेवले का दिखना या रास्ता काटना शुभ संकेत माना जाता है। नेवला दिखना धन लाभ का संकेत है। ● दिपावली के दिन यदि कोई किन्नर सज-संवर कर दिखाई दे, तो समझ लो अवश्य ही पैसा प्राप्त होगा। ये धन लाभ अप्रत्याशित रूप से होता है। ● दीपावली पूजन के दिन अगर बिल्ली दिख जाए, तो समझ लो साक्षात लक्ष्मी के दर्शन हो गए। अब धन की कमी नहीं!
● यदि आप धन संबंधित काम से बाहर जाने के लिए कपड़े पहन रहे हैं और उसी समय आपकी जेब से पैसे गिर जाएं, तो यह धन प्राप्ति का शुभ संकेत है।
● अगर आपके शरीर के दाहिने भाग या सीधे हाथ में खुजली चले, तो आप समझ लो कि पैसा आने वाला हैं।
● शुक्रवार के दिन केसरियां रंग की गाय के दर्शन होना बहुत शुभ माना जाता है। अगर ऎसा होता हैं तो समझ लो कहीं से अचानक से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं।
संपत्ति प्राप्ति के लिए --
● उत्तर दिशा : घर की इस दिशा में कैश व आभूषण जिस अलमारी में रखते हैं, वह अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर दिशा की ओर खुलेगी, उसमें रखे गए पैसे और आभूषण में हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
● पूर्व दिशा : यहां घर की संपत्ति और तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है और उसमें बढ़ोतरी होती रहती है।
● पश्चिम दिशा : यहां धन-संपत्ति और आभूषण रखे जाएं तो साधारण ही शुभता का लाभ मिलता है परंतु, घर का मुखिया अपने स्त्री-पुरुष मित्रों का सहयोग होने के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन कमा पाता है।
● सीढ़ियों के नीचे- तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है। सीढ़ियों या टायलेट के सामने भी तिजोरी नहीं रखना चाहिए। तिजोरी वाले कमरे में कबाड़ या मकड़ी के जाले होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
● घर की तिजोरी के पल्ले पर बैठी हुई लक्ष्मी जी की तस्वीर जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं,लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे कारंग क्रीम या ऑफ व्हाइट रखना चाहिए। ● दक्षिण दिशा : इस दिशा में धन,सोना,चाँदी और आभूषण रखने से नुकसान तो नहीं होता परंतु बढ़ोत्तरी भी नहीं होती है।
● ईशान कोण : यहां पैसा, धन और आभूषण रखे जाएं तो यह दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है !