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Dr. Yogesh Vyas

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शनि का कुंभ राशि में प्रवेश

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्यायाधिपती और कर्मफल दाता ग्रह माना जाता है। शनि ग्रह व्यक्तियों के द्वारा किए गए शुभ अशुभ कर्मों के आधार पर ही अच्छा या बुरा फल प्रदान करते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि शुभ भावेश होकर शुभ भावों में ही बैठे हैं उनको, अक्सर शुभ फल ही प्रदान करते हैं लेकिन अशुभ भावों में शनि के होने पर कुछ परेशानियां देखने को मिलती हैं।


शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को अपनी मकर राशि से निकलकर स्वयं की मूलत्रिकोण कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ में उनका यह प्रवेश लगभग 30 साल बाद होने जा रहा है। जैसे ही शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे उसके बाद से कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण, मकर राशि पर तीसरा चरण और मीन राशि पर पहला चरण शुरू हो जाएगा। इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों की ढैया आरंभ हो जाएगी। शनि के कुंभ राशि में आने से धनु राशि की साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशि वालों की शनि की ढैया खत्म हो जाएगी। इस कारण से इन जातकों के जीवन में काफी परेशानियां कम होने लग जाएंगी। शनिदेव 29 अप्रैल को कुंभ राशि में आएंगे उसके बाद वक्री होकर 12 जुलाई को लगभग 72 दिन के बाद में फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और पूरे वर्ष 2022 में मकर राशि में ही रहते हुए 17 जनवरी 2023 को पुनः अपनी कुंभ राशि में गोचर करेंगे। ग्रहों की चाल की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण घटना है जो सभी लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने की क्षमता रखती है। शनिदेव का कुंभ राशि में प्रवेश आप सभी की राशियों पर क्या शुभ और अशुभ प्रभाव डालेगा आइए इसको इस लेख के माध्यम से जानते हैं।


मेष : मेष राशि वाले जातकों के लिए शनि का एकादश भाव में गोचर लाभदायक रहेगा। पद व प्रतिष्ठा बढ़ेगी, आय के नए स्रोत भी विकसित होंगे लेकिन, कुछ मानसिक चिंता रह सकती है। आपको इस दौरान वाहन भी सावधानी से चलाना चाहिए।

● वृषभ : वृष राशि वाले जातकों के लिए शनि का दशम भाव में गोचर आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ाएगा, छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करेंगे। भूमि और वाहन का सुख भी मिल सकता है लेकिन कुछ व्यर्थ के खर्चे देखने को मिलेंगे। आपको इस गोचर के दौरान परिवार में सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए।

● मिथुन :  मिथुन राशि वाले जातकों के लिए शनि का भाग्य स्थान में गोचर अनुकूल रहेगा। भाग्य साथ देगा, इच्छानुसार स्थानांतरण हो सकता है परंतु आपको सफलता के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाना होगा। आपके रोग में थोड़ी वृद्धि हो सकती है साथ ही आपको इस दौरान भाइयों से विवाद करने में भी बचना होगा।

● कर्क :  कर्क राशि वाले जातकों के लिए शनि का अष्टम भाव में गोचर ढैय्या बनाएगा इसलिए यह समय बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। अपने स्वास्थ्य के साथ ही पत्नी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। आप वाद-विवाद से दूर रहें। अनावश्यक खर्चे देखने को मिल सकते हैं। अच्छे प्रयासों के बाद आपको कार्य में सफलता मिलेगी साथ ही स्थाई संपत्ति में भी वृद्धि हो सकती है।

● सिंह : सिंह राशि वाले जातकों के लिए शनि का सप्तम भाव में गोचर होने से साझेदारों और पत्नी के साथ संबंधों में थोड़ी सावधानी रखनी होगी । इस समय व्यापार से लाभ और आर्थिक उन्नति के भी योग बनते हुए दिखाई दे रहे हैं।

● कन्या : कन्या राशि वाले जातकों के लिए शनि का छठे भाव में गोचर अनुकूल रहेगा। छात्रों के प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने एवं नौकरी के भी योग बनेंगे। आर्थिक संकट दूर होगा, रोग एवं शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त हो सकती है।

● तुला : तुला राशि के लिए शनि का पंचम भाव में गोचर थोड़ी मानसिक परेशानी और संतान से संबंधित चिंता दे सकता है लेकिन आय में वृद्धि होगी, रोजगार बढ़ेगा, भाइयों का सहयोग मिलेगा और यात्रा से भी लाभ होने की संभावना है।

● वृश्चिक :  वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए शनि का चतुर्थ भाव में गोचर इनकी ढैय्या बनाएगा जो कि बहुत ज्यादा शुभ फल नहीं देगी। इससे गृह क्लेश के साथ ही माता के स्वास्थ्य में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। परिवार में थोड़ी अशांति एवं व्यर्थ की भागदौड़ रहने की संभावना है।

● धनु :  धनु राशि वाले जातकों के लिए शनि के तृतीय भाव में गोचर से इनको ढैय्या से मुक्ति मिलेगी और यह शनि अब शुभ फल देगा। इनको भाग्य का साथ मिलेगा, आर्थिक पक्ष मजबूत होगा और कार्य का विस्तार होगा।

● मकर :  मकर राशि वाले जातकों के लिए शनि का द्वितीय भाव में गोचर धन का आगमन बढ़ाएगा, मन में प्रसन्नता एवं कार्य से मुक्ति देगा, परिवार के लोगों का साथ मिलेगा और सिंचित धन में वृद्धि हो सकती है परंतु वाणी पर संयम बनाए रखें।

● कुंभ :  कुंभ राशि वाले जातकों के लिए शनि का स्वयं की राशि पर गोचर बहुत ज्यादा अनुकूल तो नहीं रहेगा फिर भी मानसिक परेशानी के साथ ही व्यापार में परिवर्तन होने की संभावना है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दूर होगी, प्रमोशन भी हो सकता है, धन की वृद्धि और वैभव बढ़ेगा, घर में कोई शुभ कार्य भी देखने को मिल सकता है।

● मीन : मीन राशि वाले जातकों के लिए शनि का द्वादश भाव में गोचर लाभ कम और खर्चे ज्यादा देगा। इनकी साढ़ेसाती का आरंभ होने जा रहा है जिससे मानसिक संताप, स्वजनों से विरोध एवं काफी मेहनत के बाद सफलता प्राप्ति के योग बनते दिखाई दे रहे हैं।


संपूर्ण कुंडली के फलादेश में प्रत्येक ग्रह और दशा-अंतर्दशा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह केवल शनि ग्रह के आधार पर किया गया फलादेश है।


डॉ योगेश व्यास
ज्योतिषाचार्य (टॉपर),
नेट (साहित्य एवं ज्योतिष)
पीएच.डी(ज्योतिषशास्त्र)।।

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