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Dr. Yogesh Vyas

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दक्षिण दिशा और वास्तु (South Direction Vastu)-

दक्षिण दिशा वास्तु की प्रमुख चार दिशाओं में से एक है। दक्षिण दिशा को पितरों एवं यमराज की दिशा भी माना जाता है। इसके कारण से इस दिशा वाले घर या व्यवसाय को कई लोग शुभ नहीं मानते लेकिन, हम इस प्रकार से किसी एक दिशा को अनुपयोगी मानकर छोड़ देंगे तो पृथ्वी का 25% हिस्सा बेकार हो जाएगा। ज्योतिष में दक्षिण दिशा का स्वामी ग्रह मंगल होता है। पृथ्वी पर कोई भी दिशा अशुभ नहीं होती और वास्तु हमेशा भवन के अंदर का प्रमुख होता है।

दक्षिण दिशा बेहद शक्तिशाली है और वास्तु दोषों के अभाव में यह दिशा भी शुभ फल प्रदान करती है। इस दिशा में भवन या व्यवसाय के अंदर वास्तु के सिद्धांतों का सही पालन करने पर यह दिशा जीवन में विशेष उन्नति प्रदान करती है। दक्षिण दिशा से लाभ प्राप्त करने के लिए यदि कुंडली में आपका मंगल ग्रह मजबूत है तो आप दक्षिण मुखी मकान या फ्लैट ले सकते हैं। इस दिशा को बहुत ज्यादा हल्का रखने एवं कई खिड़की- दरवाजे होने पर रोग, मानसिक अस्थिरता एवं निर्णय लेने में परेशानी देखने को मिलती है इसलिए, इन सभी परेशानियों से बचने के लिए ज्यादा निर्माण कार्य इसी दिशा में कराएं। बड़े- बड़े पेड़ों को आपको इस दक्षिण दिशा में ही लगाना चाहिए।

दक्षिण मुखी भवनों या व्यवसाय स्थल के पूजाघर में दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगल का हस्तनिर्मित वैदिक यंत्र लगाने पर निश्चित ही शुभ फल देखने को मिलते हैं। दक्षिण दिशा हमारे मान- सम्मान एवं प्रसिद्धि से जुड़ी हुई दिशा है। राजनीति से जुड़े एवं राजनीति में उन्नति करने के इच्छुक लोगों को भी अपने घर की दक्षिण दिशा को विकसित करना चाहिए। ऐसे लोगों देश- विदेश अथवा समाज में मान- सम्मान व प्रतिष्ठा हेतु अपने घर या व्यापार स्थल पर दक्षिण दिशा को विकसित करने के लिए दक्षिणी दीवाल पर दौड़ते हुए घोड़ों की फोटो लगाएं। दक्षिण दीवाल पर लाल पेंट या लाल रंग का वॉलपेपर लगाना भी शुभ माना जाएगा। दक्षिणी दीवाल पर लकड़ी से बनी कोई कलाकृति एवं वहां वैदिक मंगल यंत्र लगाने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होगी। दक्षिण दिशा में पानी से जुड़ी कोई वस्तु रखने से आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। दक्षिण मुखी भवनों के मुख्य द्वार पर विघ्न विनाशक हस्तनिर्मित गणेश यंत्र की स्थापना भी शुभ फल देने वाली होती है। दक्षिण दिशा सीढियों के लिए भी उपयुक्त मानी जाती । इस प्रकार आप भी वास्तु के सिद्धांतों का पालन करते हुए दक्षिण दिशा की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ उठाकर अपने जीवन में उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।

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