Contact Me

Dr. Yogesh Vyas

Mobile: +91 8696743637, 9119354637
Email: aacharyayogesh@gmail.com

नैऋत्य कोण का वास्तु (South West Kon ka Vastu)-

वास्तु शास्त्र में दिशाओं और कोण का काफी महत्व है। घर के दक्षिण पश्चिम भाग को नैऋत्य कोण के नाम से जाना जाता है। इस दिशा का स्वामी छाया ग्रह राहु बेहद शक्तिशाली और क्रूर ग्रह होता है। यदि इस दिशा में वास्तु दोष है और कुंडली में राहु की स्थिति भी अच्छी नहीं है तो आपको जीवन में राहु के कई अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। नैऋत्य कोण में वास्तु पुरुष के पैर होते हैं और यह दिशा हमारे पितरों से भी संबंधित है अतः यहां वास्तु दोष बढ़ने पर पितृदोष की संभावना भी बन जाती है। नैऋत्य कोण को वास्तु के अनुरूप बनाने पर यह दिशा घर के लोगों के जीवन को समृद्ध भी बना देती है। इस दिशा में क्या हो और क्या नहीं हो यहाँ पर इस बारे में बात करते हैं।

नैऋत्य कोण में वास्तु दोष होने पर घर के लोगों में त्वचा व मानसिक रोग होने की संभावना बनती है। नैऋत्य कोण में पृथ्वी तत्व की प्रमुखता होने के कारण ऐसे स्थान को ऊंचा और भारी रखना चाहिए। इस दिशा के नीचे होने या यहां किसी भी काम के लिए कोई भी गहरा गड्ढा होने पर घर के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और साथ ही घर में धन से संबंधित समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं ।

इस कोण में मंदिर होने पर ना तो पूजा करने में मन लगता है और ना ही पूजा का कोई सकारात्मक फल मिलता है। नैऋत्य कोण शौचालय हेतु बहुत ज्यादा उपयुक्त स्थान नहीं है, यहां शौचालय होने पर उस घर में रहने वाले लोगों की सोच में सकारात्मकता का अभाव मिलता है और साथ ही धन का व्यय वा फिजूलखर्ची भी बढ़ जाती है। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर नैऋत्य दिशा के स्वामी राहु ग्रह का वैदिक यंत्र पूजा घर में अवश्य लगाना चाहिए। यह दिशा घर में स्थिरता के लिए जानी जाती है इसलिए इस दिशा में घर के मुखिया का शयन कक्ष शुभ माना जाता है। यहां रहने पर मुखिया का आदर होता है और घर के लोग उसकी बात का भी सम्मान करते हैं । वह मुखिया बड़े व मजबूत निर्णय लेने में सक्षम होता है। इस दिशा में आप भारी सामान रख सकते हैं या फिर आपको इस दिशा को अन्य दिशाओं से थोड़ा भारी बना करके रखना चाहिए । इससे जीवन में सुख, समृद्धि व प्रभाव में वृद्धि होती है। इस दिशा में सीढ़ियों का निर्माण भी घर में बढ़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को रोकता है। सीढियों में वजन होने के कारण इस दिशा के दोष भी दब जाते हैं। इस प्रकार आप भी वास्तु के नियमों को अपनाकर नैऋत्य कोण की सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से अपने जीवन को सुखी और उन्नत बना सकते हैं।

>
s