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Dr. Yogesh Vyas

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मंगल का सिंह राशि मे प्रवेश

ज्योतिष शास्त्र के नज़रिये से मंगल का राशि परिवर्तन करना अहम है। ज्योतिषशास्त्र में बारह राशियों की गड़ना की गई है। प्रत्येक जातक की एक अलग राशि होती है और उस जातक का स्वभाव भी उस राशि के अनुसार ही संभावित होता है। ज्योतिष शास्त्र में लग्न कुंडली की तरहा ही चंद्र- कुंडली का भी महत्व होता है क्योंकि, ग्रहों के गोचर को चंद्र कुंडली के माध्यम से ही जाना जाता है।

मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन- गुरुवार 8 अगस्त की रात मंगल नीच राशि कर्क से निकलकर अपने मित्र सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर चुका है। मंगल के राशि बदलने का असर सभी 12 राशियों पर हो रहा है। 17 अगस्त से सूर्य का प्रवेश भी सिंह में होने से मंगल और सूर्य सिंह राशि में रहेंगे। इससे कुछ राशि के लोगों को लाभ होगा। प्रत्येक ग्रह जब राशि परिवर्तन करता है तो कुछ राशियों को शुभ फल देता है तथा कुछ राशियों के शुभ फल में न्यूनता करता है। ज्योतिष संबंधी किसी भी समाधान के लिए जयपुर कार्यालय पर या ONLINE सम्पर्क कर सकते हैं। मंगल आपकी राशि पर क्या शुभ-अशुभ प्रभाव डालते है, आइये देखते है—

● मेष राशि- लग्नेश व अष्टमेश मंगल के पंचम भाव पर से गोचर भ्रमण होने से जमीन आदि मामलों में लाभ होने की संभावना है। आय में सुधार और विवादों की समाप्ति होगी। नए कार्य होंगे, नौकरी में प्रमोशन के मौके, आर्थिक नुकसान से बचाव होगा, विद्यार्थी वर्ग के लिए उत्तम रहेगा !
● वृष राशि- सप्तमेश व व्ययेश मंगल का चतुर्थ भाव पर गोचर भ्रमण होने से कुछ चिंता रहने की संभावना है। माता से विवाद हो सकता है, स्वजनों से पीड़ा, कार्य बाधा के योग, योजनाओं में फेरबदल करना पड़ सकता है।
● मिथुन राशि- षष्टेश व एकादशेश मंगल का तृतीय भाव से गोचरीय भ्रमण होने से आपकी योजनाओं में सामान्य स्थिति बनाएगा। कर्ज के मामले में सुधार दिखाई देगा। नौकरी पूर्व के समान ही रहेगी और व्यापार में यात्रा का योग बनेगा। कर्मचारी परेशान कर सकते हैं, धैर्य रखकर चलें।
● कर्क राशि- पंचमेश व कर्मेश मंगल का द्वितीय भाव पर गोचरीय भ्रमण होने से बाधाएं और विवाद थम जाएंगे। अपनी क्षमता का फायदा उठाने में सक्षम रहेंगे। जमीन और कर्ज संबंधी मामलों में सुधार होगा। योजनाएं सफल होंगी, भोग-विलासिता में वृद्धि देगा।
● सिंह राशि- सुखेश व भाग्येश मंगल के लग्न में गोचर से सभी मंगलकारी कार्य बनेंगे और सफलता प्राप्त होगी। विशेषकर विदेश जाने वालों को सफलता प्राप्त होगी, भाग्य में वृद्धि होगी।
● कन्या राशि- तृतीयेश व अष्टमेश मंगल के द्वादश गोचर से शुभ परिणामों में कमी रहेगी । यह समय जमीन और ऋण के मामलों में संभलने का है। विवादों और जोखिमों से दूर रहें। पराक्रम बढ़ेगा व दांपत्य में कष्ट अनुभव करेंगे।
● तुला राशि- द्वितीयेश व सप्तमेश मंगल के एकादश गोचर से मंगल शुभकारी होगा। जीवन साथी से विवाद समाप्त होगा और मधुरता स्थापित होगी। व्यापार-व्यवसाय व धन-धान्य के मामलों में लाभ होगा !
● वृश्चिक राशि- लग्नेश व षष्टेश के दशम गोचर से यह सुख और शांति प्रदान करने वाला होगा। नवीन वाहन खरीदने की योजना बन सकती है। राज्य, व्यापार व राजनीति से लाभ मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन और यात्रा का भी योग है।
● धनु राशि- व्ययेश व पंचमेश मंगल के नवम भाव पर गोचर भ्रमण से भाग्योन्नति, रोगों में लाभ और वाहन सुख प्राप्त होगा, पराक्रम में वृद्धि और बाहरी मामलों में सुधार होगा !
● मकर राशि- चतुर्थेश व लाभेश मंगल का अष्टम भाव पर से गोचर शारीरक पीड़ा, आय और ऋण संबंधी समस्याएं आ सकती हैं, कारोबार में रफ्तार मध्यम हो सकती है। जोखिम पूर्ण कार्य न करें।
● कुंभ राशि- पराक्रमेश व दशमेश मंगल के सप्तम भाव पर गोचर से मंगल- योजनाएं बिगाड़ सकता है। साझेदारों से बचकर रहें, धन की कमी महसूस करेंगे। स्वयं के बल पर सफलता मिलेगी।
● मीन राशि- धनेश व भाग्येश मंगल के षष्ट भाव से गोचरीय भ्रमण से मंगल शुभकारी होगा। ऋण संबंधी लाभ होगा, नए घर या जमीन खरीदने की योजना बन सकती है। प्रमोशन, भाग्योन्नति, धनलाभ के साथ-साथ खर्च भी अधिक रहेगा।
● ज्योतिष फलदायक न होकर फल सूचक है ! किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए !

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