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Dr. Yogesh Vyas

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कामदेव गायत्री- मंत्र—

क्या आप अपने बैवाहिक जीवन को लेकर तनाव मे हो? क्या आप अपने जीवनसाथी से सन्तुस्ट नही हो या आप का जीवन साथी आप से प्रेम नही करता या आप अपनी शादी को लेकर आन्तरिक रुप से भयभीत है? तो कीजिये ये प्रभावशाली कामदेव जी के प्रसन्नता हेतु उपाय, जिनकी कृपा से आप भी अपने वैवाहिक जीवन को खुशिया प्रदान कर सकते है l
"कामदेव गायत्री" मंत्र-- अपने आप में बहुत से चमत्कारी प्रभाव लिए हुए है पर इस पर अधिक चर्चा कभी नहीं
हुई ! आधुनिक खानपान के कारन नवयुवकों में शुक्र हीनता होती जा रही है जिस कारन "कमजोरी" और नपुंसकता जन्म ले रही है जिस कारन आधिकांश युवा वर्ग "असफलता" के भय से विवाह के नाम से भी कतराने
लगा है ! आज के परिवेश मे वैवाहिक मामलो मे तनाव का प्रमुख कारण पुरुष या स्त्री को अपने जीवन साथी से पूर्णतया सन्तुश्ट ना हो पाना भी हैl इसी कारण से आज के परिवेश मे जीवन साथी से दूरी जीवन मे भटकाव बिखराव व तनाव की अधिकता देखने को मिल रही हैl यहा तक की युवा वर्ग मे शादी टूटना अब आम बात हो गयी है l  सैकड़ों युवाओ पर इस मन्त्र का प्रयोग कर यह अनुभव किया गया की कामदेव गायत्री मन्त्र अपने आप में पूर्णता को जन्म देता है और युवा वर्ग को विवाह के भय से मुक्ति दिलाने में सहायक है ! विवाह के बाद आई पौरुषता की कमी को भी दूर करने में कामदेव गायत्री मन्त्र सहायक है साथ ही साथ ये भी अनुभव किया गया है की जिन लोगों ने कामदेव गायत्री को लगातार जपा है उनके चहरे पर एक तेज सा महसूस होता रहता है और प्रबल आकर्षण बना रहता है ! इस मन्त्र को जो युवा या जो भी दम्पति इस समस्या से प्रभावित है पति पत्नी मे से कोई या दोनो कर सकते हैl शारीरिक कमजोरी को दूर करने हेतु बहुत सी दवा है आर्युवेद में पर साथ में कामदेव गायत्री जप ली जाये तो सोने पर सुहागा होगाl
कामगायत्री मंत्र:-
ॐ क्लीं कामदेवाय विद्महे, पुष्प बाणाये धीमहि ,
तन्नो अनंग प्रचोदयात !!

इस मन्त्र को श्री कामदेव या श्री कृष्ण जी की फोटो के सामने स्फटिक की माला से रोज 108 बार या अधिक जाप करें धुप जलाये देसी गाय का घी का दीपक जलाएं ! श्री कृष्ण को रोज सुगन्धित पुष्प
अर्पित करें !! हो सके तो कम से कम 6 महीने जाप करें या पूर्ण लाभ होने तक पाठ करें ! यह मन्त्र नपुसंकता से
सम्बंधित सभी मानसिक विकारों को दूर कर शरीर स्वस्थ करने में एवं प्रेम बढाने मे पूर्ण रूप से सहायक है l                                                                                          

  आकर्षणशक्ति-मंत्र

             यदि पुरुष या स्त्री के मन मे एक दूसरे के प्रति प्रेम का अभाव है या पति पत्नी एक दूसरे को पसन्द नही करते या एक दूसरे से शारीरिक रुप से खुश नही है तो निम्न मंत्र का 21 बार जप प्रतिदिन 101 दिन तक करने से ‘आकर्षण’ तथा एक दूसरे के प्रति प्रेम मे सफलता मिलती है तथा कामशक्ति मे तेजी आती हैl
“ऐं पिन्स्थां कलीं काम-पिशाचिनी शिघ्रं
‘अमुक’ ग्राह्य ग्राह्य, कामेन मम रुपेण वश्वैः
विदारय विदारय, द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे
बन्धय बन्धय, ॐ श्रीं फट् ”

विधि-  उक्त मन्त्र को पहले पर्व, शुभ समय में 2100 जप कर सिद्ध कर लें। प्रयोग के समय ‘साध्य’ के नाम का स्मरण करते हुए प्रतिदिन 108 बार मन्त्र जपने से ‘वशीकरण’ एवं मन मे प्रेम उत्तपन्न हो जाता है।

वशीकरण एवं प्रेम हेतु कामदेव मन्त्र..

“ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसहलिए
वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु,
दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा।”

विधि- कामदेव के उक्त मन्त्र को तीनों काल, एक-एक माला, एक मास तक जपे, तो मंत्र सिद्ध हो जायेगा पुरुष अपनी स्त्री के लिये एवं स्त्री अपने पति के शरीर मे उसका सोया काम उसकी मर चुकी काम इच्छा को भी जाग्रित किया जा सकता है l इस प्रयोग को करते समय आप जिसे देखकर जप करेंगे, वह व्यक्ति आपके वश में भी हो जायगा।

वशीकरण व सम्मोहन शक्ति‘----

(1)-   यदि शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो भोजपत्र का टुकड़ा लेकर उस पर लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखकर शहद की डिब्बी में डुबोकर रख दें। शत्रु वश में आ जाएगा।
(2)-   काले कमल, भवरें के दोनों पंख, पुष्कर मूल, श्वेत काकजंघा - इन सबको पीसकर सुखाकर चूर्ण बनाकर जिस पर डाले वह वशीभूत होगा।
(3)-   छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी , काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत होगी।
(4)- काकजंघा,तगर,केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है।
(5)-   तगर, कूठ, हरताल व केसर इनको समान भाग में लेकर अनामिका अंगुली के रक्त में पीसकर तिलक लगाकर जिसके सम्मुख आएंगे वह वशीभूत हो जाएगा।
(6)-   पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा।
(7)-   शुक्ल पक्ष के रविवार को 5 लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।
(8)-   पीली हल्दी, घी (गाय का), गौमूत्र, सरसों व पान के रसको एक साथ पीसकर शरीर पर लगाने से स्त्रियां वश में हो जाती है।
(9)-   बैजयंति माला धारण करने से शत्रु भी मित्रवत व्यवहार करने लगते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने यह माला पहनी हुई थी व उन्हें यह अतिप्रिय थी व उनमें सबको मोहित करने की अद्भुत क्षमता भी थी।
(10)-   कई बार पति किसी दूसरी स्त्री केचंगुल में आ जाता है तो अपनी गृहस्थी बचाने के लिए स्त्रियां यह प्रयोग कर सकती हैं। गुरुवार रात 12बजे पति के थोड़े से बाल काटकर जला दें व बाद में पैर से मसल दें अवश्य ही जल्दी ही पति सुधर जाएगा।
(11)-   कनेर पुष्प व गौघृत दोनों को मिलाकर, वशीकरण यंत्र रखें व आकर्षण मंत्र का जप करें। जिसका नाम लेकर 108 बार जप करेंगे तो वह सात दिन के अंदर वशीभूत हो जाएगा।

सम्मोहन शक्ति---
1. मोर की कलगी रेश्मी वस्त्र में बांधकर जेब में रखने से सम्मोहन शक्ति बढ़ती है।
2. श्वेत अपामार्ग की जड़ को घिसकर तिलक करने सेसम्मोहन शक्ति बढ़ती है।
3. स्त्रियां अपने मस्तक पर आंखों के मध्य एक लाल बिंदी लगाकर उसे देखने का प्रयास करें। यदि कुछ समय बाद बिंदी खुद को दिखने लगे तो समझ लें कि आपमें सम्मोहन शक्ति जागृत हो गई है।
4. गुरुवार को मूल नक्षत्र में केले की जड़ को सिंदूर में मिलाकर पीस कर रोजाना तिलक करने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
5. गेंदे का फूल, पूजा की थाली में रखकर हल्दी के कुछ छींटे मारें व गंगा जल के साथ पीसकर माथे पर तिलक लगाएं आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
प्रेमी युगल निम्न बातों का ध्यान रखें :-
*प्रेमी युगल को शनिवार और अमावस्या के दिन नहीं मिलना चाहिए। इन दिनों में मिलने से आपस में किसी भी बात पर विवाद हो सकता है, एक दूसरे की कोई भी बात बुरी लग सकती है तथा प्रेम संबंधो में सफलता मिलने में संदेह हो सकता है।
*प्रेमी युगल को यह प्रयास करना चाहिए कि शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें। जिस शुक्रवार को पूर्णिमा हो वह दिन अत्यंत शुभ रहता है इस दिन मिलने से परस्पर प्रेम व आकर्षण बढ़ता है।*सफ़ेद वस्त्र धारण करके किसी भी धार्मिक स्थान पर लाल गुलाब व चमेली का इत्र अर्पित करके अपने प्रेम की सफलता के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें निश्चय ही लाभ होगा।
 तांत्रिक अभिकर्म—

कई बार आपको यदि ऐसा लगता है कि परेशानियां व समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। धन का आगमन रुक गया है या आप पर किसी द्वारा ‘‘तांत्रिक अभिकर्म’’ किया गया है तो आप यह टोटके अवश्य प्रयोगकरें!
(1)-   पीली सरसों, गुग्गल, लोबान व गौघृत इन सबको मिलाकर इनकी धूप बना लें व सूर्यास्त के 1 घंटे भीतर उपले जलाकर उसमें डाल दें। ऐसा 21 दिन तक करें व इसका धुआं पूरे घर में करें। इससे नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।
(2)-   जावित्री, गायत्री व केसर लाकर उनको कूटकर गुग्गल मिलाकर धूप बनाकर सुबह शाम 21 दिन तक घर में जलाएं। धीरे-धीरे तांत्रिक अभिकर्मसमाप्त होगा।
(3)-   गऊ, लोचन व तगर थोड़ी सी मात्रा में लाकर लाल कपड़े में बांधकर अपने घर में पूजा स्थान में रख दें। शिव कृपा से तमाम टोने-टोटके का असर समाप्त हो जाएगा।
(4)-   घर में साफ सफाई रखें व पीपल के पत्ते से 7 दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारें व तत्पश्चात् शुद्ध गुग्गल का धूप जला दें।
 (5)-    दुष्प्रभाव से बचने हेतु सवा 1 किलो काले उड़द, सवा 1 किलो कोयला को सवा 1 मीटर काले कपड़े में बांधकर अपने ऊपर से 21 बार घुमाकर शनिवार के दिन बहते जल में विसर्जित करें व मन में हनुमान जी का ध्यान करें। ऐसा लगातार 7 शनिवार करें। तांत्रिक अभिकर्म पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।
(6)-   यदि आपको ऐसा लग रहा हो कि कोई आपको मारना चाहता है तो पपीते के 21 बीज लेकर शिव मंदिर जाएं व शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर धूप बत्ती करें तथा शिवलिंग के निकट बैठकर पपीते के बीज अपने सामने रखें। अपना नाम, गौत्र उच्चारित करके भगवान् शिव से अपनी रक्षा की गुहार करें व एक माला महामृत्युंजय मंत्र की जपें तथा बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में भरकर गले में धारण कर लें।
(7)-   शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो नींबू को 4 भागों में काटकर चैराहे पर खड़े होकर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए चारों दिशाओं में एक-एक भाग को फेंक दें व घर आकर अपने हाथ-पांव धो लें। तांत्रिक अभिकर्म से छुटकारा मिलेगा।
(8)-   शुक्ल पक्ष के बुधवार को 4 गोमती चक्र अपने सिर से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें तोs व्यक्ति पर किए गए तांत्रिक अभिकर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है।

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